नई दिल्ली: दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता मनोज कुमार आज अपना 81 वां जन्मदिन मना रहे हैं. मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई को 1937 में एबटाबाद में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. मनोज कुमार ने अपने अभिनय के साथ-साथ सौम्यता से दुनिया भर में कभी न मिटने वाली छाप बनाई है. उन्हें लेकर सबसे दिलचस्प बात ये है कि मनोज कुमार ने अधिकतर फिल्मों में 'भारत' नाम का किरदार निभाया है. इस कारण लोग उन्हें 'भारत कुमार' भी कहने लगे. 1947 में जब हिन्दुस्तान और पाकिस्तान दो देश बना तो उन दिनों मनोज कुमार का परिवार एबटाबाद छोड़कर दिल्ली में आ गया था. तब मनोज कुमार महज 10 साल के थे.

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इसके बाद मनोज कुमार का परिवार दिल्ली में शरणार्थी के तौर पर रहने लगा. उन्होंने दिल्ली में ही पढ़ाई की इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘हिंदू कॉलेज’ से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन के बाद मनोज कुमार ने फिल्म इंडस्ट्री में जाने का मन बना लिया था. जिसके बाद कभी मुड़कर नहीं देखा और बस आगे बढ़ते गए. साल 1957 में आई फिल्म ‘फैशन’ मनोज कुमार की पहली फिल्म थी. इस फिल्म में उन्हें एक भिखारी का रोल मिला था जो काफी छोटा था. इसके करीब तीन साल बाद 1960 में उनकी फिल्म ‘कांच की गुड़िया’ रिलीज हुई. इस फिल्म में मनोज कुमार ने लीड रोल निभाया था.

यहीं से शुरू हुआ था मनोज कुमारा का कभी न थमने वाला फिल्मी सफर. एक-एक कर मनोज कुमार ने इसके बाद कई हिट फिल्में दी. 1960 के दशक में उनकी रोमांटिक फ़िल्मों में 'हरियाली और रास्ता’, ‘दो बदन’ के अलावा ‘हनीमून’, ‘अपना बना के देखो’, ‘नकली नवाब’, ‘पत्थर के सनम’, ‘साजन’, ‘सावन की घटा’ जैसी फिल्में रिलीज हुई. साथ ही उन्होंने ‘अपने हुए पराये’, ‘पहचान’ ‘आदमी’, ‘शादी’, ‘गृहस्थी’ और ‘गुमनाम’, ‘वो कौन थी?’ जैसी सामाजिक मुद्दों पर बनी कई फिल्मों में भी काम किया.

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मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति पर बनी फिल्मों के लिए जाना जाता है. 'शहीद', 'उपकार', पूरब और पश्चिम' से शुरू हुआ उनका सफ़र 'क्रांति' तक लगातार जारी रहा. मनोज कुमार की फिल्मों को देखने के बाद दर्शकों में भी देशप्रेम का एक अनोखा जज्बा पनप जाता था. इसके बाद उन्होंने देशभक्ति को केंद्र में रखकर और भी कई फ़िल्में बनाने लगे. मनोज कुमार की लाइफ में अभिताभ बच्चन से जुड़ा भी एक अहम वाक्या है.

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बताया जाता है कि जब अमिताभ बच्चन लगातार फ्लॉप होती फ़िल्मों से परेशान होकर अपने मां-बाप के पास दिल्ली वापस जा रहे थे तो मनोज कुमार ने उन्हें रोका और अपनी फ़िल्म ''रोटी, कपड़ा और मकान' में मौका दिया. उन दिनों मनोज कुमार मानते भी थे कि अमिताभ बहुत दूर तक जायेंगे. मनोज कुमार के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए और फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान की सराहना करते हुए अभी तक उन्हे दादा साहब फाल्के, पद्मश्री, फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है.

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इसके साथ ही आपको बता दें कि मनोज कुमार के तमाम राजनेताओं से भी गहरे संबंध रहे हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी तक उनके सभी के साथ बेहद अच्छे संबंध थे. कहा जाता है कि फिल्म 'रोटी कपड़ा और मकान' फ़िल्म तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर ही बनायी थी.