नई दिल्ली: सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाली मलाला यूसुफजई अब 6 साल बाद उसी सरजमीं पर लौटी हैं जहां आतंक के सौदागरों ने उन्हें मौत के घाट उतारने की कोशिश की थी. करीब 6 साल बाद मलाला आज पाकिस्तान लौटी हैं.  मलाला के वतन वापस लौटने पर देश में उनका जोरदार स्वागत हुआ. केवल नेता और राजनेता ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री के सितारों ने भी उनका खुले दिल से स्वागत किया. इसमें माहिरा खान ने ट्विटर पर बड़े प्यार से स्वागत करते हुए लिखा, 'वेलकम होम बेबी गर्ल मलाला'.

देश वापस लौट भावुक हुईं मलाला

अपने वतन वापस लौटकर खुद मलाला भी काफी भावुक हो गईं और उन्होंने अपनी होम कमिंग स्पीच में कहा कि वो पिछले पांच साल से पाकिस्तान वापस लौटने का सपना देखती थी. पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मलाला ने कहा, ''मैं  पिछले 5 साल से पाकिस्तान लौटना चाहती थी. आज मैं बहुत खुश हूं, करीब साढ़पांच साल बाद मैंने अपनी मिट्टी पर दोबारा कदम रखा है और आज मैं अपने लोगों के बीच हूं. आज मेरे जीवन का सबसे खुशनुमा दिन है क्योंकि मैं अपने देश वापस लौटी हूं. मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि ये सच है.''

सिर में लगी थी गोली

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई करीब छह साल पहले पाकिस्तान में 9 अक्टूबर 2012 को लड़कियों के शिक्षा अधिकार के अभियान चलाने की वजह से तालिबानी आतंकियों ने सिर में गोली मार दी थी. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उन्हें इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया था. घटना के बाद वह इंटरनेशनल स्तर पर चर्चा में आईं.

इलाज के बाद वह परिवार के साथ बर्मिघम में ही रहने लगी. जहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की. मलाला को 17 साल की उम्र में 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके बाद से वह मानव अधिकारों और शिक्षा की लड़ाई का एक प्रतीक बन गईं. मलाला यूसुफजई को संयुक्त राष्ट्र ने 'शांति दूत' नियुक्त किया. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मलाला को 'दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय विद्यार्थी' और शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रतीक करार दिया था.