Lata Mangeshkar Death Anniversary: स्वर कोकिला लता मंगेशकर भले ही आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अपने गानों के जरिए वह आज भी फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी. वहीं आज उनकी दूसरी पुण्यतिथि है. 6 फरवरी 2022 को लता दीदी ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. कोविड की वजह से 92 की उम्र में उनका निधन हुआ था. तो चलिए आज उनके पुण्यतिथि पर आज हम आपको उनसे जुड़ी एक ऐसा बात बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में काफी कम लोगों पर पता है. 


आखिर क्यों नहीं की लता दीदी ने शादी?
बता दें कि लता मंगेशकर ताउम्र कुंवारी ही रह गईं. उन्होंने कभी शादी नहीं की. दरअसल, जब वह 13 साल की थीं तो उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की मौत हो गई थी. इसके बाद उन्होंने घर की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले ली थी. यही वजह थी कि उन्होंने कभी शादी के बारे में नहीं सोचा. 


वहीं एक बार आजतक को दिए एक इंटरव्यू के दौरान लता की बहन मीनाताई मंगेशकर ने इसका खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि वह हम लोगों को छोड़कर दूर नहीं जाता चाहती थीं. इसलिए दीदी ने कभी शादी नहीं की. बता दें कि लता मंगेशकर पांच भाई-बहन हैं. मीना खांडिकर, आशा भोंसले, उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर, ये सभी लता दीदी से छोटे थे. वे अपने घर की बड़ी बेटी थीं.


5 साल की उम्र में शुरू कर दिया था गाना
बता दें कि बचपन से ही लता दीदी को संगीत में बेहद दिलचस्पी थी. 5 साल की उम्र से ही उन्होंने सिंगिंग सीखना शूरू कर दिया था. वहीं 9 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस दिया था. लता दीदी ने अपने पिता से ही गाने की ट्रेनिंग ली थी. उनके पिता एक बेहतरीन क्लासिकल सिंगर और थियेटर एक्टर थे. 


भारत की 'स्‍वर कोकिला' लता मंगेशकर ने ना सिर्फ भरातीय भाषाओं में बल्कि कुछ विदेशी भाषाओं में भी गाने गाए थे. जी हां, उन्होंने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाए हैं. वहीं उन्हें कई सारे अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. 


अधूरी रह गई थी लता मंगेशकर की ये ख्वाहिश
बता दें कि लता मंगेशकर की एक ख्वाहिश भी थी, जिसे वह जीवत रहते पूरा करना चाहती थीं. लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया. हांलाकि, उनके निधन के बाद लता दीदी के घरवालों ने उनकी ये आखिरी इच्छा पूरी की थी. दरअसल, लता बालाजी की बहुत बड़ी भक्त थीं और वह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को 10 लाख रुपये दान देना चाहती थीं. बता दें कि लता दीदी ने इस इच्छा का जिक्र अपनी वसीयत में भी किया था. उन्हें उनके जीते जी तो ये संभव ना हो सका, लेकन लता दीदी के परिवार वालों नें उनकी ये अंतिम इच्छा पूरी कर दी है.जी हां, उनकी मौत के 611 दिन बाद लता मंगेशकर की ये आखिरी ख्वाहिश पूरी की गई थी. 


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