अभिनेता कादर खान की गिनती हिंदी सिनेमा के मंजे हुए कलाकारों में होती है. भले ही वे दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी कॉमेडी और संजीदा दोनों तरह के किरदारों से आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.

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उनके "हमें तो लगता है कि भगवान ने खाली हाथ पैदा कर दिया, तकदीर लिखना ही भूल गया" जैसे तमाम डायलॉग भुलाए नहीं जा सकते. हिंदी सिनेमा को शानदार फिल्मों से नवाजने के बाद भी एक समय ऐसा आया, जब उनका काम करना मुश्किल हो गया.

अमिताभ बच्चन संग दोस्ती पड़ी थी महंगी कादर खान बहुमुखी प्रतिभा के धनी आदमी थे, जो हर किरदार में रच बस जाते थे, लेकिन अपने ही दोस्त को 'सर' न कहने की वजह से उन्हें कई फिल्मों से बाहर का रास्ता देखना पड़ा था. वे दोस्त और कोई नहीं बल्कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन थे.

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कादर खान ने एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि वे अमिताभ बच्चन को अमित-अमित कहते थे और यही कारण बना कि उन्हें कई फिल्मों से निकाल दिया गया.

क्या है पूरा मामला?इंटरव्यू में कादर खान ने कहा था कि 'सेट पर शूटिंग के वक्त सभी लोग अमिताभ बच्चन को सर कहते थे और मैं सिर्फ अमित कहता था. एक दिन एक साउथ का प्रोड्यूसर मुझसे आगे कहता है कि मैं सर से मिला.

मुझे समझ वहीं आया कि कौन सर है, तभी उन्होंने अमिताभ की तरफ इशारा किया और कहा कि आप सर को सर क्यों नहीं बोलते. उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए अमित दोस्त है और मेरे मुंह से नहीं निकला 'सर जी,' लेकिन मैं उस फिल्म से निकल गया.'

किस फिल्म से निकाल दिए गए थे कादर खान?अभिनेता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि क्या कोई अपने दोस्त को "सर" या किसी और नाम से कैसे बुला सकता है और यही वजह रही कि मेरा उनसे राब्ता नहीं रहा और मुझे 'खुदा गवाह' में नहीं लिया गया.बता दें कि कादर खान खुदा गवाह फिल्म की बात कर रहे थे, जिसमें पहले उनका रोल फाइनल हो चुका था, लेकिन बाद में उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया था. 

'खुदा गवाह' साल 1992 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. फिल्म का बजट 5.7 करोड़ रुपये था और फिल्म ने रिलीज के बाद दुनिया भर में 17.9 करोड़ रुपये का धमाकेदार कलेक्शन किया था. फिल्म में अमिताभ बच्चन के अपोजिट श्रीदेवी को साइन किया गया था.