मोबाइल रेडिएशन पर Juhi Chawla ने कहा- जरूरत से ज्यादा कुछ होने पर मिलता है बुरा परिणाम
जूही चावला ने अब भारत में 5G टेक्नोलॉजी को लागू करने के खिलाफ एक याचिका दायर की है. जूही चावला का कहना है कि वो पिछले 10 साल से रेडिएशन, सेफ सेलफोन यूज, सेलफोन टावर रेडिएशन को लेकर बात करती रही हैं.

मुंबई: अभिनेत्री जूही चावला मोबाइल टावर से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश करती रहीं हैं. इसे लेकर उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है.
जूही चावला ने अब भारत में 5G टेक्नोलॉजी को लागू करने के खिलाफ एक याचिका दायर की है. जूही चावला का कहना है कि वो पिछले 10 साल से रेडिएशन, सेफ सेलफोन यूज, सेलफोन टावर रेडिएशन को लेकर बात करती रही हैं. जुही का कहना है कि उन्होंने इन सबके बारे में जितना हो सके, उतनी जानकारी फैलाई.
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जूही ने कहा है कि मोबाइल फोन जिन रेडियो वेव्स पर चलती हैं, वो हमारे पर्यावरण में बढ़ती ही जा रही हैं. 5G आते ही रेडिएशन में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होगी. सब चीजें लिमिट में ठीक होती हैं लेकिन जब जरूरत से ज्यादा कुछ होता है तो उसका बुरा परिणाम देखने को मिलता है.
जूही चावला ने कहा कि कोई दवाई भी आती है तो 10-15 साल तक उस पर रिसर्च होती है. उसके परिणाम और साइड इफेक्ट देखे जाते हैं और उसके बाद ही बाजार में उसे जारी किया जाता है. लेकिन जो रेडिएशन हमारे आसपास 20-25 सालों से फैलाई जा रही है, उस पर किसी ने स्टडी की या नहीं?
याचिका में की ये मांग
बता दें कि जूही चावला की ओर से दाखिल इस याचिका में मांग की गई है कि 5G टेक्नोलॉजी को लागू किए जाने से पहले इससे जुड़े तमाम तरह के अध्ययनों पर बारीकी से गौर किया जाए और फिर उसके बाद ही इस टेक्नोलॉजी को भारत में लागू करने के बारे में विचार किया जाए.
जूही चावला ने अपनी इस याचिका में भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय से आम लोगों, तमाम जीव-जंतुओं और पर्यावरण पर 5G टेक्नोलॉजी के लागू किए जाने से पड़ने वाले असर से जुड़े अध्ययन को बारीकी से कराने और ऐसे रिपोर्ट्स के आधार पर भी इसे भारत में लागू करने और नहीं करने को लेकर कोई फैसला करने की अपील की है.
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Source: IOCL























