जन्नत फिल्म में एक डायलॉग था - 'क्रिकेटर और एक्टर्स में ज्यादा फर्क नहीं होता... दोनों की जवानी खत्म... तो कहानी खत्म'. ऐसा माना भी जाता है कि एक्टर्स उम्र की वजह से रिटायरमेंट लेते हैं तो लोग उन्हें भूल जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे एक्टर्स भी हैं जो आज भी उतना काम कर रहे हैं जितना कोई यंग एक्टर करता है और इसी वजह से उनका स्टारडम भी बरकरार है और उन्हें बहुत प्यार भी मिलता है.

Continues below advertisement

अमिताभ बच्चन इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. 83 की उम्र में भी वो फिल्मों में एक्टिव हैं. लेकिन एक और एक्टर हैं जो अमिताभ का करियर बनाने में भी मददगार थे और उनकी उम्र भी अमिताभ बच्चन से करीब 6 साल ज्यादा था. हम बात कर रहे हैं धर्मेंद्र की जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. 24 नवंबर को 88 साल की उम्र में धर्मेंद्र का निधन हो गया.

शाहरुख-सलमान की उम्र से भी लंबा था धर्मेंद्र का करियर

Continues below advertisement

धर्मेंद्र जिन्होंने रॉकी रानी की प्रेम कहानी (2023) जैसी सुपरहिट अभी कुछ दिन पहले ही दी और अब अमिताभ के पोते के साथ फिल्म इक्कीस में भी दिखने वाले हैं. आज बॉलीवुड में कोई भी ऐसा एक्टर नहीं रहा जो लगातार 65 साल से एक्टिंग कर रहा हो सिर्फ धर्मेंद्र ही थे और अब वो अपने फैंस को रोता-बिलखता छोड़ जा चुके हैं. शाहरुख-सलमान की उम्र से भी ज्यादा एक्टिंग करियर रहा है इनका. 

धर्मेंद्र सिर्फ एक्टर नहीं जीता-जागता उदाहरण हैं हीरोइजम कासाल 1960 में आई फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से डेब्यू करने के बाद धर्मेंद्र ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. शुरुआत में 'बॉयफ्रेंड' बने फिर एक के बाद एक तमाम रोमांटिक फिल्मों में नजर आते गए. उनकी कद-काठी और शारीरिक बनावट ऐसी थी कि उन्हें जब एक्शन फिल्मों में मौका मिला तो वो सबसे बड़े एक्शन हीरो बनकर उभरे.

1966 की फूल और पत्थर और फिर 1971 की मेरा गांव मेरा देश में उन्हें एक्शन करते देखा गया. जब अमिताभ आए तब धर्मेंद्र बड़े स्टार बन चुके थे. शोले जैसी फिल्म में रमेश सिप्पी से कहकर उन्होंने ही अमिताभ को जय का रोल दिलवाया. और भी जो हुआ वो आज भी दुनिया जानती है.

बुरे वक्त को भी अपने हिसाब से कर लिया डीलहर समय एक जैसा नहीं होता. अमिताभ बच्चन के आने के बाद बॉलीवुड में स्टारडम का खेल पूरी तरह से बदलता चला गया. मिथुन फिर उनके बाद संजय दत्त, सनी देओल, आमिर खान और सलमान खान जैसे नए चेहरे आने लगे. ये सभी चेहरे यंग थे और एक्टिंग में भी खूब अच्छे. 80s के बाद 90s आते-आते बढ़ती उम्र और नयापन न मिलने की वजह से धर्मेंद्र के करियर पर भी असर पड़ा.

हालांकि, इस बीच भी धर्मेंद्र ने स्ट्रैटजिक मूव चला. उन्होंने लो बजट की बी-ग्रेड फिल्में करनी शुरू कर दीं. लोहा, मेरी जंग का ऐलान और जल्लाद नंबर 1 जैसी ऐसी फिल्में बनाईं जो आज देखने में भले ही क्रिंज लगती हों, लेकिन ये उन्हें फाइनेंशियली स्टेबल रखने में कामयाब रहीं. इन फिल्मों की वजह से ही धर्मेंद्र अपने उन पुराने फैंस के बीच में पॉपुलर बने रहे जो उनका पुराना वाला हीरोइज्म देखना चाहते थे.

धर्मेंद्र का मास्टरस्ट्रोकधर्मेंद्र का मास्टर स्ट्रोक तो वो था जब उन्हें पता चला कि वो इस पीढ़ी के हीरो बहुत दिनों तक नहीं रहने वाले और इसी समय उन्होंने एक प्रोडक्शन हाउस खोलने की सोची. विजेता फिल्म्स नाम से इस प्रोडक्शन हाउस की वजह से आज हमारे सामने दो बड़े स्टार हैं. पहले हैं सनी देओल और दूसरे बॉबी देओल.

इन दोनों को इसी प्रोडक्शन हाउस से लॉन्च किया गया. सनी देओल 1983 में बेताब के साथ फिर बॉबी देओल 1995 में बरसात के साथ बॉलीवुड में धाक जमाने में कामयाब रहे. किसी भी बाप के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यही होती है कि उनका बेटा उनसे भी आगे निकल जाए. सनी देओल की घायल भी उनके इसी प्रोडक्शन हाउस से निकली और नेशनल अवॉर्ड भी ले गई.

धर्मेंद्र का दूसरा मास्टरस्ट्रोकधर्मेंद्र का दूसरा मास्टरस्ट्रोक वो था जब उन्होंने बदलते हुए बॉलीवुड में दोबारा कदम रखा. वो नई जनरेशन के चहेते एक्टर बनने के लिए दोबारा से लौटे. इस बार एकदम नई कहानी के साथ. फिल्म का नाम था 'मेट्रो' और साल था 2007.

इसके बाद, इसी साल उनकी एक और फिल्म आई. 'अपने' नाम की इस फिल्म से उन्होंने अपने ही प्रोडक्शन हाउस के साथ दोबारा अपनों के लिए कुछ किया. सनी देओल और बॉबी देओल फ्लॉप्स से उबर नहीं पा रहे थे. लेकिन इस फिल्म के साथ फिर से एक हिट फिल्म इन दोनों के खाते में आ गई.

धर्मेंद्र हमेशा बने रहे रेलेवेंटधर्मेंद्र ने जब-जब दर्शकों को जो जो भी चाहिए था वो वो दिया. उन्होंने ही फैंस के लिए ही रोमांटिक हीरो के बाद हीमैन बनने का फैसला किया. इसके बाद वो बी-ग्रेड फिल्में करने लगे और फिर आज की जनरेशन के बीच रेलेवेंट बन गए. उनका हर उम्र का दर्शक वर्ग है क्योंकि बॉलीवुड जितना बदलते उन्होंने देखा, उतना किसी ने नहीं देखा. 

'रॉकी रानी की प्रेम कहानी' में तो उन्होंने 84 साल की उम्र में लिपलॉक करके ऐसा सीन करने वाले सबसे सीनियर एक्टर बन गए.

जिंदादिली का दूसरा नाम थे धर्मेंद्रधर्मेंद वो एक्टर हैं जिनकी जिंदादिली उनकी फिल्मों में भी रिफ्लेक्ट हुई. यमला पगला दीवाना सीरीज की फिल्मों में उनकी कॉमेडी तो आपने देखी ही होगी. बता दें कि सालों पहले गजब नाम की फिल्म में भी उनकी जिंदादिली की वजह से वो बॉलीवुड की सबसे बढ़िया कॉमेडी फिल्म बन गई.

उनका व्यक्तित्व बिल्कुल शोले के वीरू जैसा ही था यानी वो इमोशनल भी और कॉमिक भी. बासी रोटी खाते-खेतों में घूमते वीडियो से लेकर पुराने दोस्तों की याद में रोते हुए उनके कई वीडियोज सोशल मीडिया पर दिख जाते थे. एक और कहानी है कि जब कभी मुंबई में अंडरववर्ल्ड का राज चलता है तब उन्होंने उल्टा अंडरवर्ल्ड को धमकी दे डाली थी कि अगर मुझसे पंगा लिया तो मेरे गांव के लोग मेरे लिए आर्मी की तरह ट्रकों में भरकर यहां आ जाएंगे. फिर इसके बाद अंडरवर्ल्ड तक ने उनसे पंगा नहीं लिया. ऐसा सिर्फ धर्मेंद्र ही कर सकते थे और सच में वो ही कर भी रहे थे.