दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश में हिरासत में बंद बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली के भाई के मामले में अहम अंतरिम आदेश जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सचिन दत्ता ने भारतीय दूतावास और कांसुलेट को निर्देश दिया है कि वो संबंधित देश में ऐसे स्थानीय वकीलों की लिस्ट अरेंज कराएं, जो हिरासत में बंद भारतीय नागरिक को कानूनी मदद दे सकें.
 
दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए साफ कहा कि हिरासत में बंद व्यक्ति को ये जानकारी दी जानी चाहिए कि उसके लिए स्थानीय स्तर पर कानूनी सहायता मौजूद है और वह अपनी पसंद का वकील चुन सकता है. अदालत के मुताबिक ये अधिकार बंदी का है और उसे इस बारे में पूरी और साफ जानकारी मिलनी चाहिए ताकि वो सही फैसला ले सके.
दिल्ली HC ने कहा कानूनी मदद की जानकारी होना बेहद जरूरी 
हाईकोर्ट ने ये भी साफ किया कि आमतौर पर स्थानीय वकील की फीस बंदी या उसके परिवार को ही देनी होती है. हालांकि इस बात की जानकारी भी बंदी को पहले से दी जानी जरूरी है. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोई वकील या लॉ फर्म बिना फीस लिए, यानी प्रो-बोनो आधार पर मामला लड़ने को तैयार हो, तो इसकी सूचना भी बंदी को दी जाए.
 
दिल्ली हाई कोर्ट ने ISWF से मदद को लेकर कही अहम बातें
वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड से मदद की संभावना पर भी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अभी इस स्तर पर फंड से मदद को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया जाना चाहिए. जरूरत पड़ने पर इस विकल्प पर आगे विचार किया जा सकता है. कोर्ट का मानना है कि विदेश में हिरासत में बंद भारतीय नागरिकों को कानूनी सहायता और जानकारी मिलना बेहद जरूरी है. इससे उनके अधिकार सुरक्षित रहते हैं और वे अपनी बात सही तरीके से रख सकते हैं. इस मामले में आगे की सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी.