लोकप्रिय तमिल नाटककार और रंगमंच तथा फिल्मों के हास्य कलाकार ‘क्रेजी’ मोहन का सोमवार को 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया है. मोहन के पुराने सहयोगी और फिल्म निर्माता एस बी कांतन ने यह जानकारी दी.


उनके परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार 66 वर्षीय मोहन को बेचैनी महसूस के बाद शहर के एक अस्पताल में ले जाया गया लेकिन तमाम कोशिशों को बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. एक रंगमंच कलाकार के रूप में सफलता हासिल करने के बाद वह फिल्म उद्योग में आए और कई फिल्मों की पटकथा लिखी. इसमें कमल हासन की फिल्म ‘अववई शानमुगी’ और ‘वसूल राजा एमबीबीएस’ भी शामिल है. उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया.


अभिनेता सिद्धार्थ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ क्रेजी मोहन सर नहीं रहे. सिनेमा, रंगमंच, हास्य अभियन और जिंदगी के लिए आज का दिन दुखभरा है. कभी भी उनके जैसा कोई नहीं होगा. उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना. उनके परिवार के प्रति संवेदना. वह हमारे सामूहिक तमिल चेतना और हंसी-मजाक करने की क्षमता का बड़ा हिस्सा थे.’’



कलाकार के परिवार में उनकी पत्नी और बेटा हैं. सिनेमा और रंगमंच की दुनिया में दिए गए उनके योगदान के लिए दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग की कई हस्तियों ने उन्हें याद किया .


साल 1952 में जन्मे मोहन रंगाचारी का लेखन के साथ पहला कार्यकाल कॉलेज में शुरू हुआ. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए उन्होंने एक अंतर-कॉलेजिएट प्रतियोगिता के लिए 'ग्रेट बैंक रॉबरी' की पटकथा लिखी. फिर उन्होंने अपने भाई मधु बालाजी के नाटक मंडली के लिए स्क्रिप्ट लिखना शुरू किया. 1976 में, मोहन ने अपना पहला फुल-लेंथ प्ले लिखा, जिसका नाम 'क्रेजी थीव्स इन पालावक्कम' था. इसके बादी ही वह क्रेजी के नाम से चर्चित हुए.


क्रेजी मोहन को कला और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए तमिलनाडु सरकार ने कलीममणि पुरस्कार से सम्मानित किया था.