कहते हैं कि सिनेमा जगत हमारे समाज का ही एक आईना होता है और उसमें अक्सर समाज की ही झलक दिखाई देती है. फिल्मों और धारावाहिकों में हमें हमारे आस-पास के समाज की झलक दिखाई देती है. कई बार सच्ची घटनाओं से प्रेरित फिल्में भी बनाई जाती हैं जिनमें समाज में घटित घटनाओं को एत्रित कर के एक कहानी बुनी जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी फिक्शन फिल्म के बन जाने के बाद असल दुनिया में वो घट रहा हो. नहीं?  तो आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बता रहे हैं जो इन दिनों पूरी दुनिया को अपनी जद में ले चुके कोरोना वायरस से काफी मिलती जुलती है.


कोरोना वायरस से प्रभावित करीब 19 देशों में इस समय लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है और इस वायरस से संक्रमित लोगों और इससे मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आज से करीब 9 साल पहले ही इस महामारी से मिलती जुलती एक फिल्म बन चुकी है. इस फिल्म की कहानी स्कॉट जी बर्न्स ने लिखी थी और इसका निर्देशन Steven Soderbergh ने किया था.



क्या कहती है कहानी


इस फिल्म में दिखाया गया है कि जानवारों से एक ऐसे खतरनाक वायरस ने जन्म ले लिया है जिसने बहुत ही कम समय में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. इस वायरस का पहला केस हॉन्गकॉन्ग में सामने आया और उसके बाद इसका संक्रमण धीरे-धीरे एक वयक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता चला गया.


कोरोना वायरस की ही तरह फिल्म में दिखाए इस वायरस के लक्ष्ण भी सर्दी खांसी और बुखार दिखाए गए हैं. इतना ही नहीं फिल्म में दिखाया गया है कि ये संक्रमण छूने से भी फैलता है और इसे हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र उपाय है. फिल्म में लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है साथ ही उन्हें भी बार-बार अपने हाथ धोने की नसीहत दी गई है.



फिल्म के कई सीन्स ऐसे हैं जिन्हें देखकर आपको ये लग सकता है कि शायद ये फिल्म आज की स्थिति को लेकर ही शूट की गई है. दुनियाभर में जैसे आज लॉकडाउन के चलते सड़कें खाली और सुनसान दिखाई दे रही हैं, फिल्म में भी वैसा ही दिखाया गया है साथ ही इसमें देशों की अर्थव्यस्था को कैसे तहस नहस कर दिया गया है, ये भी दिखाया गया है.


अगर आप भी इस लॉकडाउन में बोर हो रहे हैं और इंटरनेट पर किसी अच्छी फिल्म की तलाश कर रहे हैं तो ये फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए.