नई दिल्ली: फिल्म पद्मावती को लेकर राजपूतों के आगे निर्देशक संजय लीला भंसाली झुक गए हैं. आज जयपुर में भंसाली प्रोडक्शन की तरफ से कंपनी की सीईओ शोभा संत ने करणी सेना के नेताओं के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

भंसाली प्रोडक्शन ने राजपूत समाज को भरोसा दिया है कि फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी के साथ रानी पद्मावती का कोई भी रोमांटिक सीन नहीं है और इतिहास का पूरा ख्याल रखा जाएगा. दो दिन पहले जयपुर के जयगढ़ किले में फिल्म पद्मावती के सेट पर करणी सेना के लोगों ने संजय लीला भंसाली पर हमला किया था. करणी सेना का आरोप था कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है.

पूरे विवाद के बाद भंसाली प्रोडक्शंस ने आज राजपूत समाज के साथ जयपुर में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. भंसाली प्रोडक्शंस की सीईओ शोभा संत ने सफाई दी कि फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के बीच कोई रोमांटिक सीन नहीं है. भंसाली प्रोडक्शन की तरफ से हिंदी में यह स्टेटमेंट जारी किया गया है....

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजपूत समाज के अलग अलग संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. संजय लीला भंसाली पर हमला करने वाली राजपूत करणी सेना के नेता महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि उनकी जो मांग थी उसे मान लिया गया है.

क्यों हो रहा था विरोध?

हंगामा करने वाले संगठन करणी सेना का दावा है कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच एक बेहद आपत्तिजनक सीन डाला है. इस सीन में अलाउद्दीन खिलजी एक सपना देखता है जिसमें वो रानी पद्मावती के साथ है. करणी सेना का दावा है कि वास्तव में खिलजी और पद्मावती ने कभी एक दूसरे को आमने सामने देखा तक नहीं और इतिहास की किसी किताब में भी इस तरह के किसी सपने का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक पद्मावती का किरदार ही काल्पनिक है.

करणी सेना खुद को राजपूतों के हितों का रक्षक बताती है और राजस्थान में काम करती है. करणी सेना का दावा है कि रानी पद्मावती राजपूत थीं और उनकी छवि फिल्म में गलत तरीके से दिखाई गई इसलिए उसने प्रदर्शन किया.