बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर दर्ज धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सीनियर एडवोकेट अबाद पोंडा ने राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी की ओर से पेश होकर लंदन जाने की इजाजत मांगी. याचिका में कहा गया कि राज कुंद्रा के पिता की तबीयत बेहद खराब है, इसलिए उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी जाए.

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कोर्ट ने सबसे पहले मामले के अपराध की प्रकृति और इसमें शामिल राशि के बारे में पूछा. कोर्ट को बताया गया कि मामला 60 करोड़ रुपए से जुड़ा है.

इस पर कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि विदेश यात्रा की इजाजत तभी मिलेगी जब याचिकाकर्ता कोर्ट में पूरा 60 करोड़ रुपए जमा करेंगे. सीनियर एडवोकेट पोंडा ने इसका विरोध करते हुए कहा- 'ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत पूरे धनराशि जमा कराने का निर्देश दिया जा सके.'

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पूरी राशि जमा कराना आवश्यक कोर्ट ने कहा कि वो याचियों की bona fide (नीयत) से संतुष्ट नहीं है और इस बात की कोई गारंटी नहीं कि वे विदेश से वापस लौटेंगे. इसलिए पूरी राशि जमा कराना आवश्यक है. इसके बाद पोंडा ने अनुरोध किया कि रकम की जगह सुरिटी या किसी अन्य रूप में सुरक्षा स्वीकार की जाए. इस पर कोर्ट ने मौखिक रूप से निर्देश दिया कि याची अपनी नीयत साबित करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक की निरंतर (continuous) बैंक गारंटी जमा करें.

मामला एक सप्ताह के लिए स्थगित  पोंडा ने दलील दी कि कम से कम ये राशि 'वाजिब' रखी जाए, लेकिन पीठ ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि गारंटी पूरी 60 करोड़ की और निरंतर होनी चाहिए. इसके बाद सरकारी पक्ष ने कोर्ट को बताया कि EOW को इस आवेदन की प्रति अभी तक नहीं दी गई है. इस पर कोर्ट नाराज हुई और मामले को तीन सप्ताह बाद के लिए लिस्ट करने का आदेश दिया. बाद में सीनियर एडवोकेट पोंडा ने जोरदार विरोध किया और कहा कि वो बैंक गारंटी पर अपने मुवक्किल से निर्देश लेंगे, इसलिए क्रिसमस ब्रेक से पहले तारीख दी जाए. बाद में कोर्ट ने मामला एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया.

इस मामले में शिकायतकर्ता दीपक कोठारी का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता डॉ. यूसुफ इक़बाल और जैन शॉफ की फार्म M/s YNA Legal कर रहे हैं.