Jacqueline Fernandez Opportunist: हॉट, सेक्सी, ब्यूटीफुल, क्यूट और दिलकश अदाकारी से सभी के दिलों पर कब्जा कर चुकीं बॉलीवुड हॉट डीवा जैकलीन फर्नांडिस  का कहना है कि वह अवसरवादी हैं. जैकलीन को जब भी लाइफ में काम करने का कोई भी अवसर आया तो उन्होंने हमेशा उसका शुक्रिया अदा किया. उनका कहना है कि उन्हें हमेशा कुछ करते रहना है, कभी खाली नहीं बैठना है. जैकलीन की सोच शुरू से ये रही है कि बस काम करते रहो. सिने ब्लिट्स मैगजीन के एक खास इंटरव्यू में जैकलीन ने शेयर की अपने दिल की बात.



काम है जरूरी
जैकलीन का कहना है कि उनकी किस्मत काफी अच्छी रही है कि उन्हें कभी भी लाइफ में खाली नहीं बैठना पड़ा. उनके पास लगातार काम आता रहता है और वह इससे काफी खुश भी हैं. उनका कहना है कि वह बेहद खुश हैं कि वह आज इस मुकाम तक पहुंची हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी कोई चीज़ प्लान नहीं की, बस वो तो वक्त के साथ होती चली गई. वह किसी भी बात की ज्यादा परवाह नहीं करतीं. अब जाकर उन्हें लगता है कि उनका करियर बन गया है.



लैंग्वेज प्रॉबलम 
जैकलीन का जन्म 11 अगस्त 1985 में मनामा, बहरीन में हुआ था. जैकलीन श्रीलंकाई एक्ट्रेस और मॉडल हैं. एक्ट्रेस 2006 में मिस श्रीलंका यूनिवर्स का खिताब हासिल कर चुकी हैं. जैकलीन ने बॉलीवुड में अभी तक कई हिट फिल्मों में काम किया है. साल 2009 में जैकलीन ने फिल्म अलादीन से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी.  जिनमें शामिल है हाउसफुल, मर्डर-2, हाउसफुल-2, रेस-2, किक, हाउसफुल-3, जुड़वां-2, बागी-2, रेस-3, बच्चन पांडे.

जैकलीन का एक्सेंट श्रीलंकन है इसलिए उन्हें हिंदी बोलने में शुरू से ही प्रॉब्लम होती आई है. कई बार उन्हें फिल्मों में डबिंग करानी पड़ती है. जब भी कोई फिल्म के लिए बात होती है तो सबसे पहले लैंग्वेज को लेकर हमेशा एक दिक्कत रहती है. जैकलीन ने कहा कि उन्हें लैंग्वेज को लेकर पहले कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब धीरे-धीरे सब सही हो रहा है. उन्हें संवाद को लेकर कभी कोई दिक्कत नहीं होती है. वह हमेशा हिंदी सीखने की कोशिश करती रहती हैं.

एक्ट्रेस का कहना है कि पहले फिल्में करते वक्त उन्हें काफी मुश्किलें होती थी और कास्टिंग करते वक्त भी उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता था. लोगों को अपनी बात हिंदी में समझाने के वक्त भी उन्हें प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती थी. लेकिन अब उनके लिए वक्त सुधर रहा है. जैकलीन का कहना है कि लोगों को समय लगता है कि वह आपको समझें और आपको स्वीकार करें.



डबिंग के वक्त 
डबिंग करने का मतलब है कि हर पंक्ति को फिर से दोहराना और वो भी पूरे भाव के साथ. जैकलीन का कहना है कि जब भी वह डबिंग के वक्त टेबल पर जाती हैं तो उस समय उन्हें एक ही फीलिंग आती है ‘सत्यानाश, अगर डबिंग सही नहीं हुई तो पूरे सीन का ही कबाड़ा हो जाएगा’. उन्हें खुद डबिंग करने में मजा नहीं आता.  


शुरुआत का फिल्मी सफर
जैकलीन का कहना है कि जब वह फिल्म इंडस्ट्री में आई थीं, तो उनके पास जो भी फिल्म का ऑफर आता था तो वह उस फिल्म के लिए झट से हां कह दिया करती थीं, क्योंकि उनको ये लगता था कि जब भी कोई नया व्यक्ति बॉलीवुड में आता है तो उसके पास फिल्मों को लेकर ज्यादा ऑप्शन्स नहीं होते हैं, ऐसे में जो भी काम मिले उसे कर लेने में ही समझदारी है. उस समय बस एक ही चीज़ मायने रखती है कि बस फिल्म हिट हो जाए, ताकि उन्हें यूं ही काम मिलता रहे. क्योंकि लाइफ में किसी भी चीज़ की कोई गारंटी नहीं होती है.


टाईपकास्ट
फिल्म मर्डर-2 के बाद एक्ट्रेस को लगने लगा कि वह टाइपकास्ट हो रही हैं. क्योंकि उनकी ज्यादातर फिल्म में एक ही तरह के रोल थे. उनके हिसाब से लोग उन्हें गलैमरस और हॉट रोल में देखना ज्यादा पसंद करने लगे. जिससे उन्हें ये लगने लगा कि वह स्टीरियोटाईप हो गई हैं. जैकलीन का कहना है कि वह एक ही तरह के रोल नहीं करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने 'हाउसफुल' और 'किक' जैसी फिल्में साइन कीं. जब उन्होंने अभिनय शुरू किया था तो तब वह किसी भी फिल्म को करने से पहले वर्कशॉप नहीं किया करती थीं. जिससे उन्हें सेट पर कई बार प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता था. इसलिए जैकलीन ने फिल्म के सेट पर जाने से पहले वर्कशॉप करना शुरू कर दिया. वर्कशॉप करने से सेट पर हर चीज़ बेहतर होती चली जाती है.