The Kashmir Files Controversy: इजराइली फिल्ममेकर नादव लैपिड (Nadav Lapid) द्वारा कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को लेकर दिए बयान पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. आज जम्मू में भारतीय फिल्मकार अशोक पंडित (Ashok Pandit) ने कश्मीरी पंडितों के साथ मिलकर इजराइली फिल्ममेकर के बयानों का खंडन किया और गोवा फिल्म फेस्टिवल से जुड़े सभी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की.


एएसआई का है ये षड्यंत्र 


नादव लैपिड द्वारा कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर उठे विवाद को लेकर आज फिल्मकार अशोक पंडित जम्मू पहुंचे. इस दौरान अशोक पंडित ने पिछले 202 दिनों से हड़ताल पर बैठे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया. अशोक पंडित ने कहा कि यह षड्यंत्र एएसआई का है और इजराइली फिल्ममेकर नादव लैपिड के बयानों को व्हाइट कॉलर टेररिज्म बताया.


फेस्टिवल से जुड़े अधिकारियों की होनी चाहिए जांच


अशोक पंडित ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार और संबंधित मंत्रालय जिम्मेदार है, जिन्होंने बिना जांच पड़ताल के उसे जूरी का प्रमुख बनाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस शख्स को चेयरमैन कैसे बनाया ये जांच का विषय है. अशोक पंडित ने मांग की है कि इस फिल्म फेस्टिवल से जुड़े सभी ऑर्गेनाइजर्स और अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए और इस मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि किसके कहने पर इजराइली फिल्ममेकर ने यह बयान दिए. 


क्या है पूरा मामला? 


बता दें कि गोवा में भारतीय अंतररारष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI 2022) का आयोजन हुआ था, जिसके आखिरी दिन फेस्टिवल के जूरी और इजराइली फिल्ममेकर नादव लैपिड (Nadav Lapid) ने ‘द कश्मीर फाइल्स’  (The Kashmir Files) को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा, 'इस प्रेस्टीजियस फेस्टिवल में 'द कश्मीर फाइल्स’ ‘वल्गर और ‘प्रोपेगेंड’ बेस्ड फिल्म लगी, जिसे देखकर हमलोग शॉक्ड और हैरान थे.' सिनेमा जगत के कई सितारे नादव के इस बयान की आलोचना कर चुके हैं.


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