बॉलीवुड में इन दिनों परिवारवाद (Nepotism) और लॉबीइंग से जुड़ी हुई खबरें छाई हुई हैं. सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के कारण ये पुराना मुद्दा फिर से उठा हुआ है और इंडस्ट्री के बड़े और स्थापित नाम इस मुद्दे पर ज्यादातर चुप ही दिखे हैं, लेकिन इंडस्ट्री के ही एक बड़े परिवार का हिस्सा अभय देओल बॉलीवुड में होने वाले भेदभाव के मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं और इस बार उन्होंने फिल्म अवॉर्ड्स में होने वाली लॉबी को निशाने पर लिया है.


आम तौर पर मसाला फिल्मों से अलग फिल्मों का हिस्सा बनने के कारण अपनी एक अलग जगह बनाने वाले अभय देओल इन दिनों अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बॉलीवुड से जुड़ी ऐसे पहलुओं पर बात कर रहे हैं, जिन पर बड़े ‘ए लिस्ट’ स्टार्स कम ही बोलते हैं.


अवॉर्ड फंक्शन में खुल्लेआम होती है लॉबी


अभय ने हाल ही में अपनी सुपरहिट मल्टीस्टारर फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ का एक पोस्टर शेयर किया और इसके जरिए बॉलीवुड के सबसे बड़े अवॉर्ड ‘फिल्मफेयर’ में होने वाले भेदभाव का मुद्दा उठाया.


अभय ने लिखा, “मैं ये बताना चाहूंगा कि लगभग सभी अवॉर्ड फंक्शन ने मुझे और फरहान को मुख्य अभिनेता से हटाकर सिर्फ सहायक अभिनेता तक सीमित कर दिया था. ऋतिक और कटरीना ‘लीडिंग एक्टर्स’ के तौर पर नॉमिनेट हुए थे.”


अभय ने इंडस्ट्री में खुलेआम या गुपचुप तरीके से होने वाली लॉबी का जिक्र करते हुए लिखा, “इंडस्ट्री में कई ऐसे गुपुचुप और खुल्लमखुल्ला तरीके हैं, जिसके जरिए लोग आपके खिलाफ लॉबी करते हैं. इस मामले में ये शर्मनाक तौर पर खुलेआम था.”






'Familyfare अवॉर्ड'


अभय ने साथ ही बताया कि इसके विरोध में ही उन्होंने अवॉर्ड्स का बहिष्कार किया था, लेकिन उनके साथी फरहान को इससे कोई दिक्कत नहीं थी. इसके साथ ही फिल्मफेयर पर तंज कसते हुए अभय ने एक हैशटैग दिया- #FamilyfareAwards.


इससे पहले अभय ने अपनी फिल्मों ‘देव.डी’, ओए लकी, लकी ओए, एक चालीस की लास्ट लोकल जैसी फिल्मों पर भी पोस्ट शेयर की और बताया कि बॉलीवुड में किस तरह नई फिल्मों या एक्सपेरिमेंट फिल्मों को रिलीज करने का मौका नहीं दिया जाता.


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