बॉलीवुड सुपरस्टार राज कपूर (Raj Kapoor) जिन्हें ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेश में भी लोग पहचानते थे. राज कपूर ने अपने फिल्मी करियर में बहुत सी फिल्में की और कामयाबी की बुलंदियों को छुआ, लेकिन फिल्मों में काम करने से पहले वो एक मज़दूर का काम भी किया करते थे.


दरअसल, राज कपूर के पिता पृथ्वी राज कपूर ने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में मज़दूर का काम दिलवा दिया, ताकि राज कपूर अपनी शुरुआत ज़ीरो से कर सकें.राज कपूर सेट की सफाई भी करते थे, सामान भी उठाते थे. इतना ही नहीं, सुपरस्टार का बेटा होने के बाद भी राज कपूर दूसरे मज़दूरों के साथ ही खाना खाया करते थे. उन दिनों बॉम्बे टॉकीज, दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के साथ फिल्म बना रहे थे जिसका नाम था 'ज्वार भाटा'. दिलीप कुमार और राज कुमार अच्छे दोस्त हुआ करते थे.


फिल्म 'ज्वार भाटा' के सेट पर बतौर मज़दूर काम करते-करते राज कपूर को कभी-कभी ये लगता था कि जिस फिल्म में मेरा दोस्त हीरो बनकर काम कर रहा हैं, मैं उस फिल्म के सेट पर मज़दूर का काम कर रहा हूं. ये बात राज कपूर को काफी परेशान किया करती थी. उन्हें लगता था कि इतने बड़े स्टार का बेटा मज़दूरी कर रहा है और एक नॉन फिल्मी घर का लड़का हीरो बना हुआ है. एक दिन उन्हें इस बात पर इतना गुस्सा आया कि उन्होंने अपने हाथ में लिया हुआ हथौड़ा फिल्म के सेट पर इतनी ज़ोर से दे मारा कि सेट का कुछ हिस्सा टूट गया. उस दिन राज कपूर को एहसास हुआ कि अगर ये हरकत किसी और ने की होती तो उसे माफ नहीं किया जाता. चूंकी वो सुपरस्टार पृथ्वीराज के बेटे थे इसीलिए उन्हें कुछ नहीं कहा गया. उसके बाद राज कपूर ने पूरी लगन से काम किया और एक दिन बन गए हिंदी सिनेमा के 'शो मैन' राजकपूर.