बॉलीवुड इंडस्ट्री में शंहशाह यानी की अमिताभ बच्चन को कई नामों से जाना जाता है और तो उन्हें देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी एक अलग पहचान के लिए जाना जाता है. साल 1969 में अमिताभ बच्चन को निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास ने अपनी फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ में पहला ब्रेक दिया.





अमिताभ बच्चन एक जाने माने अभिनेता हैं. जिन्होंने अपनी जिन्दगी में बहुत मेहनत की है. आज वो अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर एक एसे मुकाम पर हैं. जहां सारे अभिनेता पहुंचने का सपना देखते हैं. अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ने के मन बना रहे थे. तभी फिल्म जंजीर उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई और फिर इस फिल्म के बाद उन्होने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इस फिल्म के लिए बच्चन को सहायक फिल्मफेयर का अवार्ड भी मिला था.





अमिताभ बच्चन ने फिल्मों के अलावा टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति, बिग बॉस जैसे हिट सीरियल भी किये. अमिताभ हमेशा अपनी जनता से जुड़े रहना पसंद करते हैं, वो हमेशा फेसबुक, ट्विटर और अपने ब्लॉग के द्वारा जनता से जुड़े रहते है. वही उनसे जुड़ा एक किस्सा बताते है. एक दिन की बात है, अमिताभ बच्चन पिता हरिवंश राय बच्चन और मां तेजी के साथ दशद्वार में रहते थे. घर के नजदीक रानी बेतिया की एक कोठी थी. जिसका फाटक हमेशा बंद रहता था और एक दरबान वहां पहरा देता था.





अमिताभ इस कोठी के अंदर जाना चाहते थे. एक दिन अपने दो दोस्तों को लेकर वो दरबान के पास पहुंचे और कोठी के अंदर जाने के लिए कहने लगे. दरबान ने कहा कि अगर वो उसे चवन्नी दे देते हैं तो वह कोठी में जाने की इजाजत दे देगा. काफी सोच-विचार के बाद अमिताभ घर गए और उन्होंने ड्रेसिंग टेबल की दराज खोली, जिसमें उनकी मां तेजी खुल्ले पैसे डाल दिया करती थीं और चवन्नी चुराकर दरबान को दे दी. दरबान ने चवन्नी ले तो ली, लेकिन कोठी में भेजने के बजाय डांट-डपटकर उन्हें वहां भगा दिया.





अमिताभ बच्चन जब घर पहुंचे तो उनकी मां तेजी ने उनके गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद दिया. क्योंकि उनकी मां को पता चल चुका था कि अमिताभ जी ने दराज से चवन्नी चुराई है. बाद में पिता ने अमित से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सब सच-सच बता दिया. पिता ने उन्हें समझाया कि चोरी करनी अच्छी बात नहीं है. अमिताभ ने इस बात पर गांठ बांध ली.