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बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के दिन कौन सा नक्षत्र प्रभावी रहेगा?
पुष्य नक्षत्र, जो गुरु के स्वामित्व वाला है, जो ज्ञान, स्थिरता और नीति का कारक है।
पूर्वाफाल्गुनी से उत्तराफाल्गुनी की ओर जाता हुआ नक्षत्र, जो शुक्र के अधीन है और प्रतिष्ठा, आकर्षण और निर्णय का ग्रह है।
कृतिका नक्षत्र, जिसका स्वामी सूर्य है, जो अग्नि तत्व का है और तेज, ज्वालामुखी और निर्णायक ऊर्जा का प्रतीक है।
सिंह राशि, जो नेतृत्व और आत्मविश्वास का प्रतीक है, जो परिणाम जनता की इच्छा से तय होने का संकेत देता है।
दूसरे चरण के मतदान में, भद्राकरण कब तक प्रभावी रहेगा और इसका क्या प्रभाव बताया गया है?
सुबह 10:00 बजे तक, और यह स्थिरता, लेकिन उसी के साथ जिद और प्रतिरोध लाता है।
सुबह 11:32 बजे तक, और इसे शास्त्रों में अशुभ और विवादजनक माना गया है, जो बहस, विरोध या कठिनाई का कारण बनता है।
दोपहर 12:00 बजे तक, और यह जनता को भावनात्मक बनाता है, जिससे मतदान मुद्दों से ज्यादा संवेदनाओं पर आधारित होता है।
शाम 4:00 बजे तक, जो राजनीतिक दलों को दोपहर के बाद जनता के दिलों में जगह बनाने में मदद करता है।
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मतगणना के दिन चंद्रमा किस राशि में रहेगा और इसका क्या महत्व है?
वृषभ राशि में, जो स्थिरता का संकेत देता है, लेकिन उसी के साथ जिद और प्रतिरोध भी लाता है।
कर्क राशि में, जो जनता को भावनात्मक बनाता है और मतदान संवेदनाओं पर आधारित होता है।
सिंह राशि में, जो नेतृत्व और आत्मविश्वास का प्रतीक है, जो बताता है कि परिणाम जनता की इच्छा से तय होंगे।
पुष्य नक्षत्र में, जो गुरु के स्वामित्व वाला है, जो ज्ञान, स्थिरता और नीति का कारक है।
लेख के अनुसार, 6 से 14 नवंबर तक बनने वाले ग्रहों के योग किस बात का संकेत देते हैं?
चुनाव सिर्फ विकास बनाम धर्म या जाति का रहेगा।
चुनाव सिर्फ नीति बनाम भावना की लड़ाई बनेगा।
चुनाव सिर्फ प्रशासनिक कुशलता और क्षमता को दर्शाएगा।
चुनाव में जनता अनुशासन और स्थायित्व की भावना से मतदान करेगी।
लेख के अनुसार, किस ग्रह की स्थिति चुनाव में तीखी कार्रवाई, गुप्त रणनीति और सत्ता संघर्ष का संकेत दे रही है?
शनि, जो कुंभ में है और जनता अनुशासन और स्थायित्व चाहती है।
मंगल, जो अपने ही घर वृश्चिक में है।
शुक्र, जो फाल्गुनी नक्षत्र के अधीन है।
चंद्रमा, जो सिंह राशि में है।
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