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वर्ष 2026 में नए साल की शुरुआत किस वार से हो रही है?
शनिवार से, जो शुभ योगों का संयोजन नहीं दर्शाता।
रविवार से, जो सूर्य देव के लिए जाना जाता है, लेकिन प्रदोष व्रत के साथ मेल नहीं खाता।
गुरुवार से, जो त्रयोदशी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के साथ आ रहा है और गुरु प्रदोष व्रत भी है।
बुधवार से, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कम महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कोई विशेष शुभ योग नहीं बन रहा है।
1 जनवरी 2026 को कौन सा विशेष योग बन रहा है?
गजकेसरी योग, जो 2 जनवरी को बन रहा है।
पंचग्रही योग, जो जनवरी में मकर राशि में बनेगा।
रवि योग, जो कार्यसिद्धि और धन लाभ के लिए प्रभावी माना जाता है।
शनि योग, जिसका इस लेख में कोई उल्लेख नहीं है।
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2 जनवरी 2026 को कौन सा शुभ योग बन रहा है?
रवि योग, जो 1 जनवरी को बन रहा है।
गुरु और चंद्रमा की युति से बनने वाला गजकेसरी योग, जो धन, सम्मान और सुख की प्राप्ति कराएगा।
शुभ योग, जो 1 जनवरी को सुबह से शाम तक रहेगा।
पंचग्रही योग, जो जनवरी में मकर राशि में बनेगा।
वर्ष 2026 में कौन से प्रमुख ग्रह गोचर करने वाले हैं?
सूर्य, चंद्रमा और मंगल ग्रह गोचर करेंगे, जो हर महीने अपनी राशि बदलते हैं।
बुध, शुक्र और शनि ग्रह गोचर करेंगे, जो अधिक नियमित अंतराल पर राशि बदलते हैं।
गुरु, राहु और केतु जैसे बड़े ग्रह गोचर करेंगे, जो विभिन्न राशियों में प्रवेश करेंगे और महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।
शनि, बुध और शुक्र ग्रह गोचर करेंगे, जो ज्योतिषीय महत्व नहीं रखते।
इस लेख के अनुसार, नए साल पर किन देवताओं की पूजा करने की सलाह दी गई है?
केवल सूर्य देव की, क्योंकि यह सूर्य का साल है।
भगवान शिव और माता पार्वती की, साथ ही हनुमान जी और भगवान विष्णु की पूजा।
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की, क्योंकि गुरुवार का दिन शुभ होता है।
केवल भगवान शिव की, क्योंकि त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है।
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