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सिम बाइंडिंग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
यह सुनिश्चित करना कि मैसेजिंग ऐप्स केवल उस डिवाइस पर एक्सेस की जा सकें जिसमें रजिस्टर करने वाली सिम मौजूद है, जिससे धोखाधड़ी को रोका जा सके।
मैसेजिंग ऐप्स को बंद करना।
यूजर्स को विभिन्न मैसेजिंग ऐप्स से लॉग आउट करना।
यह सुनिश्चित करना कि मैसेजिंग ऐप्स केवल उस डिवाइस पर एक्सेस की जा सकें जिसमें रजिस्टर करने वाली सिम मौजूद है, जिससे धोखाधड़ी को रोका जा सके।
यूजर्स को सिम कार्ड बदलने से रोकना।
सिम बाइंडिंग लागू होने के बाद, यदि यूजर विदेश यात्रा करता है और एक नई सिम का उपयोग करता है, तो क्या होगा?
पुराना अकाउंट अपने आप लॉग-आउट हो जाएगा।
पुराना अकाउंट बिना किसी बदलाव के चलता रहेगा।
व्हाट्सऐप जैसी ऐप्स पर दोबारा रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
पुराना अकाउंट अपने आप लॉग-आउट हो जाएगा।
नया अकाउंट तुरंत बन जाएगा।
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सरकार ने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स को कितने दिनों के भीतर सिम बाइंडिंग लागू करने को कहा है?
90 दिन
30 दिन
60 दिन
90 दिन
120 दिन
सिम बाइंडिंग के लागू होने पर वेब इंटरफेस जैसे व्हाट्सऐप वेब का उपयोग करने वाले यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा?
वे 6 घंटे के बाद स्वचालित रूप से लॉग आउट हो जाएंगे।
वे हमेशा के लिए लॉग इन रहेंगे।
उन्हें हर 24 घंटे में लॉग इन करना होगा।
वे 6 घंटे के बाद स्वचालित रूप से लॉग आउट हो जाएंगे।
इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, क्या सिम बाइंडिंग साइबर अपराधों को पूरी तरह से रोक पाएगा?
नहीं, यह साइबर अपराधों को पूरी तरह से नहीं रोक पाएगा, क्योंकि अपराधी फर्जी आईडी और सिम क्लोनिंग का उपयोग कर सकते हैं।
हाँ, यह सभी प्रकार के साइबर अपराधों को रोक देगा।
नहीं, यह साइबर अपराधों को पूरी तरह से नहीं रोक पाएगा, क्योंकि अपराधी फर्जी आईडी और सिम क्लोनिंग का उपयोग कर सकते हैं।
हाँ, यह केवल भारत में होने वाले साइबर अपराधों को रोक देगा।
हाँ, यह सिर्फ मैसेजिंग ऐप्स से जुड़े साइबर अपराधों को रोकेगा।
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