Related Quiz

SIM Binding नियम के अनुसार, ऐप्स को क्या करना होगा?
ऐप को केवल एक बार SIM की जांच करनी होगी और उसके बाद SIM बदलने पर कोई कार्रवाई नहीं करनी होगी।
ऐप को SIM की मौजूदगी की जांच नहीं करनी होगी, बल्कि बिना SIM के भी काम करना जारी रखना होगा।
ऐप को लगातार जांचना होगा कि फोन में वही SIM है या नहीं, और SIM बदलने पर तुरंत बंद हो जाना होगा।
ऐप को केवल वेबसाइटों पर लॉग इन करने की अनुमति देनी होगी और मोबाइल ऐप पर कोई कार्रवाई नहीं करनी होगी।
सरकार ने SIM Binding लागू करने का मुख्य कारण क्या बताया है?
ऐप्स के उपयोग को सीमित करना।
उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षा प्रदान करना।
साइबर अपराधों को रोकना, खासकर फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करके होने वाले अपराधों को।
सोशल मीडिया ऐप्स के उपयोग को बढ़ावा देना।
Advertisement
SIM Binding लागू होने के बाद, WhatsApp Web जैसे फीचर्स पर क्या बदलाव आएगा?
WhatsApp Web हमेशा के लिए बंद हो जाएगा।
WhatsApp Web पर लॉगिन हमेशा चालू रहेगा।
WhatsApp Web हर 24 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा।
WhatsApp Web हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा और दोबारा लॉगिन के लिए QR कोड स्कैन करना होगा।
SIM Binding लागू होने के बाद किस प्रकार के यूजर्स को परेशानी हो सकती है?
जो लोग एक ही फोन में कई सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
जो लोग अपने ऐप को किसी सेकेंडरी डिवाइस पर इस्तेमाल करते हैं या जो एक सिम को एक फोन में रखकर ऐप को दूसरे में इस्तेमाल करते हैं।
जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है।
जो लोग सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते हैं।
विशेषज्ञों की राय में, क्या SIM Binding ऑनलाइन फ्रॉड को पूरी तरह से रोक पाएगा?
हाँ, SIM Binding पूरी तरह से ऑनलाइन फ्रॉड को रोक देगा।
नहीं, SIM Binding ऑनलाइन फ्रॉड को नहीं रोक पाएगा।
इस पर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है, क्योंकि धोखेबाज फर्जी दस्तावेजों से सिम खरीदकर धोखाधड़ी कर सकते हैं।
SIM Binding का ऑनलाइन फ्रॉड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Your Score
2/10