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भारत में लागू की गई चार नई श्रम संहिताओं का मुख्य उद्देश्य क्या है?
पुरानी श्रम व्यवस्था को बनाए रखना और केवल कुछ बदलाव करना।
औद्योगिक संबंधों को जटिल बनाना और कर्मचारियों के अधिकारों को कम करना।
29 पुराने श्रम कानूनों को हटाकर, एक एकीकृत, सरल और आधुनिक श्रम ढांचा बनाना जो बदलती अर्थव्यवस्था के अनुरूप हो।
केवल कुछ राज्यों में श्रम सुधारों को लागू करना और बाकी को अनदेखा करना।
मजदूरी संहिता, 2019 के अंतर्गत क्या परिवर्तन किए गए हैं?
सिर्फ कुछ क्षेत्रों में ही न्यूनतम वेतन लागू किया गया है और ओवरटाइम की कोई व्यवस्था नहीं है।
मजदूरी की कोई समान परिभाषा नहीं है, और लिंग आधारित भेदभाव को बढ़ावा दिया गया है।
पूरे देश में वेतन की एक समान परिभाषा लागू की गई है, न्यूनतम वेतन सभी कर्मचारियों पर लागू होता है, और ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन अनिवार्य है, साथ ही लिंग आधारित भेदभाव को गैरकानूनी घोषित किया गया है।
ट्रांसजेंडर श्रमिकों को कोई कानूनी सुरक्षा नहीं दी गई है।
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नई सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 का सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्या है?
यह केवल संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है, और गिग वर्कर्स को बाहर रखा गया है।
यह उन गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है जिन्हें पहले कोई सुरक्षा नहीं मिलती थी, जैसे डिलीवरी पार्टनर्स और कैब ड्राइवर।
यह सामाजिक सुरक्षा को समाप्त कर देता है और केवल निजी बीमा पर निर्भर करता है।
यह केवल एग्रीगेटर कंपनियों पर योगदान की कोई जिम्मेदारी नहीं डालता है।
औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 के लागू होने से क्या लाभ हुआ है?
नियोक्ता-कर्मचारी संबंध अधिक जटिल हो गए हैं और शिकायत निवारण प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है।
फिक्स्ड टर्म रोजगार को कानूनी मान्यता नहीं मिली और वर्क फ्रॉम होम को मान्यता नहीं दी गई।
नियोक्ता-कर्मचारी संबंध अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी हो गए हैं, फिक्स्ड टर्म रोजगार को कानूनी मान्यता मिली है, वर्क फ्रॉम होम को विधिक मान्यता मिली है, और विवाद समाधान में तेजी आई है।
कार्यस्थलों पर महिलाओं की भागीदारी कम हो गई है।
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता, 2020 का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज करना।
केवल कुछ चुनिंदा प्रतिष्ठानों के लिए सुरक्षा उपाय करना।
कार्यस्थलों पर सुरक्षा को केंद्र में लाना, आधुनिक सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य करना, प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान करना और महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देना।
श्रमिकों के लिए कोई सुरक्षा उपाय प्रदान न करना।
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