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जस्टिस सूर्य कांत ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए क्या प्रमुख कदम उठाने की बात कही है?
मुकदमों के तेज निपटारे का प्रयास करेंगे, याचिकाकर्ताओं को बेवजह SC आने से रोकेंगे।
सिर्फ मामलों की सुनवाई की गति बढ़ाने पर ध्यान देंगे।
वरिष्ठ वकीलों को सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने से रोकेंगे।
मुकदमों के तेज निपटारे का प्रयास करेंगे, याचिकाकर्ताओं को बेवजह SC आने से रोकेंगे।
सिर्फ सरकार को मुकदमे दायर करने से हतोत्साहित करेंगे।
जस्टिस सूर्यकांत के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में कौन से मामले दाखिल नहीं होने चाहिए?
जिनकी सुनवाई हाई कोर्ट में संभव है।
जिनमें हाई कोर्ट के जज शामिल हों।
जिनमें कद्दावर वकील पैरवी कर रहे हों।
जिनकी सुनवाई हाई कोर्ट में संभव है।
जिनमें सरकार शामिल हो।
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जस्टिस सूर्य कांत ने मध्यस्थता के जरिए विवादों के समाधान पर जोर देने की बात क्यों कही है?
उपरोक्त सभी।
क्योंकि इससे अदालतों का बोझ कम होगा।
क्योंकि इससे सरकार को कम मुकदमे लड़ने पड़ेंगे।
क्योंकि इससे आपसी बातचीत से विवाद सुलझ सकते हैं।
उपरोक्त सभी।
जस्टिस सूर्य कांत किस प्रकार की पीठ का गठन करने की बात कर रहे हैं?
संविधान पीठ, उन मामलों पर ध्यान देने के लिए जिनमें कानूनी सवालों का जवाब दिया जाना है।
सिर्फ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए पीठ
सिर्फ सिविल मामलों की सुनवाई के लिए पीठ
संविधान पीठ, उन मामलों पर ध्यान देने के लिए जिनमें कानूनी सवालों का जवाब दिया जाना है।
मीडिया से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए पीठ।
जस्टिस सूर्य कांत भारत के चीफ जस्टिस के रूप में कब शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल कब तक होगा?
24 नवंबर, 2025 को शपथ लेंगे और 9 फरवरी, 2027 तक कार्यकाल होगा।
24 नवंबर, 2024 को शपथ लेंगे और 9 फरवरी, 2026 तक कार्यकाल होगा।
24 नवंबर, 2025 को शपथ लेंगे और 9 फरवरी, 2027 तक कार्यकाल होगा।
10 फरवरी, 2025 को शपथ लेंगे और 24 मई, 2026 तक कार्यकाल होगा।
24 मई, 2025 को शपथ लेंगे और 10 फरवरी, 2027 तक कार्यकाल होगा।
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