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फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट (FIP) ने दिल्ली हाई कोर्ट में क्या आरोप लगाया?
DGCA ने नए उड़ान ड्यूटी नियमों को पूरी तरह से लागू नहीं किया, जिससे पायलटों की सुरक्षा को खतरा है।
DGCA ने एयरलाइंस को नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति दी, लेकिन पायलट संघ के हितों की रक्षा की।
DGCA सुरक्षा नियमों में ढील देकर एयरलाइंस के व्यावसायिक हितों को बढ़ावा दे रहा है।
DGCA ने अदालत के आदेशों की अनदेखी की, लेकिन एयरलाइंस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
दिल्ली हाई कोर्ट ने DGCA से क्या सवाल पूछा?
अदालत ने पूछा कि एयरलाइंस को रात में अधिक लैंडिंग की अनुमति क्यों दी जा रही है।
नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम अभी तक पूरी तरह से लागू क्यों नहीं किए गए।
अदालत ने पूछा कि DGCA ने पायलटों को आराम का समय कम क्यों दिया।
अदालत ने DGCA से पूछा कि वह FIP द्वारा लगाए गए आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देगा।
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DGCA के वकील ने अदालत में क्या दलील दी?
DGCA ने स्वीकार किया कि उसने नियमों का उल्लंघन किया है और माफी मांगी।
DGCA ने कहा कि नियमों को लागू करने में देरी के लिए कोई कारण नहीं है।
DGCA ने तर्क दिया कि नियमों में अस्थायी छूट देने का अधिकार उसके पास है।
DGCA ने FIP के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि सब कुछ नियमों के अनुसार हो रहा है।
नई FDTL नीति का मुख्य उद्देश्य क्या था?
पायलटों के लिए उड़ान के घंटों में वृद्धि करना ताकि वे अधिक उड़ानें भर सकें।
एयरलाइंस के लिए कम लागत पर उड़ानें संचालित करना।
पायलटों को अधिक आराम का समय देना ताकि थकान कम हो और सुरक्षा बढ़े।
DGCA को एयरलाइंस पर अधिक नियंत्रण देना।
अगली सुनवाई कब निर्धारित की गई है?
1 जुलाई, 2024
1 नवंबर, 2024
15 दिसंबर, 2025
अगली सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं की गई है।
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