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लैपटॉप को हमेशा चार्जिंग पर लगाने से बैटरी पर क्या असर पड़ता है?
बैटरी की चार्जिंग क्षमता कम हो जाती है और बैकअप टाइम घटने लगता है।
बैटरी की चार्जिंग क्षमता बढ़ती है और बैकअप टाइम बढ़ जाता है।
बैटरी का तापमान कम रहता है और लाइफ साइकिल लंबी हो जाती है।
बैटरी की चार्जिंग क्षमता कम हो जाती है और बैकअप टाइम घटने लगता है।
बैटरी पर कोई असर नहीं पड़ता है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लैपटॉप की बैटरी को कितने प्रतिशत के बीच चार्ज रखना चाहिए?
20% से 80%
0% से 20%
80% से 100%
50% से 70%
20% से 80%
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लगातार चार्जिंग पर रखने से लैपटॉप में ओवरहीटिंग का खतरा क्यों होता है?
क्योंकि बैटरी लगातार चार्ज होती रहती है और तापमान बढ़ता है।
क्योंकि चार्जर लैपटॉप को ठंडा रखता है।
क्योंकि बैटरी लगातार चार्ज होती रहती है और तापमान बढ़ता है।
क्योंकि लैपटॉप का इस्तेमाल कम होता है।
ओवरहीटिंग का कोई खतरा नहीं होता।
ओवरहीटिंग से लैपटॉप के किन पुर्जों को नुकसान पहुँच सकता है?
बैटरी, मदरबोर्ड और प्रोसेसर को
सिर्फ बैटरी को
सिर्फ प्रोसेसर को
बैटरी, मदरबोर्ड और प्रोसेसर को
सिर्फ मदरबोर्ड को
बैटरी की उम्र बढ़ाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
बैटरी को 20% या उससे कम होने पर ही चार्ज करें और 80% तक चार्ज करके चार्जर निकाल दें।
हमेशा लैपटॉप को चार्जिंग पर लगाए रखें।
बैटरी को 100% तक चार्ज करें और फिर इस्तेमाल करें।
बैटरी को 20% या उससे कम होने पर ही चार्ज करें और 80% तक चार्ज करके चार्जर निकाल दें।
लैपटॉप में बैटरी हेल्थ मोड या स्मार्ट चार्जिंग जैसे फीचर्स को बंद कर दें।
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