Related Quiz
क्या ज्यादा पावर वाले चार्जर से फोन को चार्ज करना फोन के लिए हानिकारक हो सकता है?
नहीं, पावर नेगोशिएशन प्रोटोकॉल के कारण, फोन केवल अपनी क्षमता के अनुसार ही पावर लेगा, जिससे कोई नुकसान नहीं होगा।
हाँ, ज्यादा पावर वाला चार्जर फोन की बैटरी को तुरंत खराब कर सकता है।
हाँ, ज्यादा पावर वाला चार्जर फोन को ओवरचार्ज कर सकता है और नुकसान पहुंचा सकता है।
नहीं, पावर नेगोशिएशन प्रोटोकॉल के कारण, फोन केवल अपनी क्षमता के अनुसार ही पावर लेगा, जिससे कोई नुकसान नहीं होगा।
शायद, यह फोन के मॉडल और चार्जर की विशिष्टताओं पर निर्भर करता है।
पावर नेगोशिएशन प्रोटोकॉल का मुख्य कार्य क्या है?
यह सुनिश्चित करना कि फोन अपनी क्षमता के अनुसार ही पावर प्राप्त करे।
चार्जर की पावर आउटपुट को स्थिर रखना।
फोन को उसकी अधिकतम चार्जिंग स्पीड पर चार्ज करना।
यह सुनिश्चित करना कि फोन अपनी क्षमता के अनुसार ही पावर प्राप्त करे।
चार्जिंग के दौरान फोन के तापमान को नियंत्रित करना।
Advertisement
यदि आपके पास 18W का फोन है, तो उसे 100W के चार्जर से चार्ज करने पर क्या होगा?
फोन 18W पर चार्ज होगा, क्योंकि पावर नेगोशिएशन प्रोटोकॉल काम करेगा।
फोन 100W पर चार्ज होगा, जिससे बैटरी जल्दी खराब हो सकती है।
फोन 18W पर चार्ज होगा, क्योंकि पावर नेगोशिएशन प्रोटोकॉल काम करेगा।
फोन 50W पर चार्ज होगा, जो चार्जर और फोन के बीच का औसत है।
फोन चार्ज नहीं होगा, क्योंकि चार्जर की पावर बहुत अधिक है।
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) चार्जिंग के दौरान क्या भूमिका निभाता है?
यह चार्जिंग वोल्टेज, तापमान और करंट को मैनेज करता है, जिससे बैटरी सुरक्षित रहे।
यह केवल बैटरी की लाइफ को बढ़ाने में मदद करता है।
यह चार्जिंग वोल्टेज, तापमान और करंट को मैनेज करता है, जिससे बैटरी सुरक्षित रहे।
यह केवल फोन को ओवरहीटिंग से बचाता है।
यह चार्जिंग स्पीड को कंट्रोल करता है।
लेख के अनुसार, अगर फोन चार्जिंग के दौरान ओवरहीट हो जाता है, तो क्या होता है?
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम चार्जिंग को बंद कर देता है।
चार्जिंग स्पीड अपने आप बढ़ जाती है।
चार्जिंग जारी रहती है, लेकिन धीमी गति से।
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम चार्जिंग को बंद कर देता है।
चार्जर अपने आप बंद हो जाता है।
Your Score
2/10
Share
2/10