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27 अक्टूबर से 7 दिसंबर 2025 तक मंगल के वृश्चिक में गोचर का मुख्य प्रभाव क्या होगा?
रणनीतिक योजनाएं बनेंगी और मौजूदा संघर्षों में बदलाव आएगा, युद्ध की संभावना कम होगी।
युद्ध की शुरुआत होगी और दुनिया में बड़े पैमाने पर हिंसा फैलेगी।
युद्ध में शामिल देशों के बीच सीधी लड़ाई तेज होगी।
रणनीतिक योजनाएं बनेंगी और मौजूदा संघर्षों में बदलाव आएगा, युद्ध की संभावना कम होगी।
यह एक शांत अवधि होगी, जिसमें सभी देशों के बीच शांति वार्ता होगी।
रूस और यूक्रेन के संदर्भ में, मंगल का वृश्चिक में गोचर क्या संकेत देता है?
रूस अपनी सैन्य नीति में आक्रामक रुख अपनाएगा, जबकि यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों पर निर्भर रहेगा, संघर्ष की दिशा बदल सकती है।
रूस तुरंत यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण करेगा।
यूक्रेन रूस के खिलाफ तुरंत आत्मसमर्पण कर देगा।
रूस अपनी सैन्य नीति में आक्रामक रुख अपनाएगा, जबकि यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों पर निर्भर रहेगा, संघर्ष की दिशा बदल सकती है।
दोनों देशों के बीच तुरंत शांति समझौता होगा।
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इज़राइल के लिए, वृश्चिक में मंगल का गोचर कैसे माना जा रहा है?
इज़राइल सीमित और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई करेगा, जवाबी हमले या हवाई अभियानों की संभावना बनी रहेगी।
इज़राइल तुरंत युद्ध की घोषणा करेगा और बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करेगा।
इज़राइल शांति बनाए रखने के लिए सभी सैन्य गतिविधियों को रोक देगा।
इज़राइल सीमित और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई करेगा, जवाबी हमले या हवाई अभियानों की संभावना बनी रहेगी।
इज़राइल अपने सभी दुश्मनों के साथ तुरंत शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगा।
भारत की वृषभ लग्न कुंडली के अनुसार, मंगल का वृश्चिक में गोचर क्या प्रभाव डालेगा?
भारत अपनी सीमाओं और विदेश नीति को लेकर अधिक सतर्क और दृढ़ रहेगा, सुरक्षा से जुड़े फैसले तेजी से लिए जा सकते हैं।
भारत तुरंत युद्ध की घोषणा करेगा और पड़ोसी देशों पर आक्रमण करेगा।
भारत अपनी सीमाओं पर तनाव कम करेगा और विदेश नीति में बदलाव करेगा।
भारत अपनी सीमाओं और विदेश नीति को लेकर अधिक सतर्क और दृढ़ रहेगा, सुरक्षा से जुड़े फैसले तेजी से लिए जा सकते हैं।
भारत अपनी सेना को पूरी तरह से भंग कर देगा और रक्षा खर्च में कटौती करेगा।
एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में, मंगल का गोचर क्या दर्शाएगा?
समुद्रों और तकनीक के बीच एक छाया युद्ध तेज होगा, शक्ति के संतुलन को परखा जाएगा।
इस क्षेत्र में सभी देशों के बीच तत्काल शांति स्थापित होगी।
दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट में बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ जाएगा।
समुद्रों और तकनीक के बीच एक छाया युद्ध तेज होगा, शक्ति के संतुलन को परखा जाएगा।
यह क्षेत्र सैन्य गतिविधियों से पूरी तरह से अछूता रहेगा।
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