उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम से दो दिनों पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईवीएम को लेकर यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. अखिलेश यादव ने कहा कि वाराणसी में ईवीएम ट्रकों से कहीं ले जाई जा रही थी. उन्होंने दावा किया कि एक ट्रक को लोगों ने रोका लेकिन दो ट्रक भाग गये. अब इस मामले में चुनाव आयोग ने वाराणसी के एडीएम एनके सिंह के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.


चुनाव आयोग (EC) ने बताया कि प्रशिक्षण ईवीएम के परिवहन में नियमों के कथित उल्लंघन पर ईसी ने यूपी के सीईओ से वाराणसी के एडीएम एनके सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. एनके सिंह को पद से हटा दिया गया है.


वाराणसी के जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा, ''ईवीएम प्रभारी अपर जिलाधिकारी नलिनी कांत सिंह को ईवीएम परिवहन में लापरवाही बरतने पर दिनांक 8 मार्च को देर रात तत्काल प्रभाव से निर्वाचन कार्य से अवमुक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को ईवीएम प्रभारी बनाया गया है.''
 
उन्होंने आगे कहा, ''जिला निर्वाचन अधिकारी तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी को बगैर सूचना दिये तथा ईवीएम परिवहन की जानकारी प्रत्याशियों को मूवमेंट प्लान दिए बिना वेयरहाउस से निकाली गई तथा परिवहन प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं किया गया जिस कारण उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.''






अखिलेश यादव के आरोपों पर मंगलवार को चुनाव आयोग ने कहा था कि कुछ मीडिया चैनलों द्वारा यह संज्ञान में लाया गया है कि वाराणसी में कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जायी जा रही थीं, जिन पर वहां उपस्थित राजनीतिक प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति की गयी. जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं. बयान के मुताबिक, जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए कल (बुधवार को) प्रशिक्षण आयोजित किया गया है, जिसके लिए ईवीएम मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले लायी जा रही थीं.


चुनाव आयोग के इस दलील पर समाजवादी पार्टी का कहना है कि ईवीएम ले जाने में जरूरी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. ईवीएम के मूवमेंट की जानकारी प्रत्याशियों को नहीं दी गई.


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