UP Assembly Election 2022: महाभारत के कालखंड में कभी पांडवों की राजधानी रही हस्तिनापुर के साथ यह किवंदती जुड़ी हुई है कि यह सीट जिसने भी जीत ली उसी पार्टी की सूबे में सरकार बननी है. यही वजह है कि इस विधानसभा के स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों ने यहां पर सोच समझकर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. आपको बता दें कि 10 फरवरी को पश्चिमी यूपी के 11 जिलों में मतदान होने हैं. जिसमें यह हस्तिनापुर सीट भी शामिल है. 


इस किवंदती के चलते पार्टी के स्थानीय नेता समेत ज्यादातर कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ अपने अपने उम्मीदवारों के प्रचार में जुटे हुये हैं. प्रदेश में सत्तारुढ़ बीजेपी भी यहां से दो बार अपना परचम लहरा चुकी है. इस समय यहां से 2017 में विजयी हुये बीजेपी के दिनेश खटीक विधायक हैं. इससे पहले 2012 और 2007 के चुनावों में यहां से क्रमश: सपा और बसपा विजयश्री हासिल कर चुकी है. यही वजह है कि यहां से दोनों ने सरकार बनाई थी. 


पांडवों क राजधानी थी हस्तिनापुर


हिंदू मान्यताओं के अनुसार हस्तिनापुर पांडवो की राजधानी थी. 1957 में पहली बार हस्तिनापुर चुनावी क्षेत्र अपने अस्तित्व में आया था. दावा है कि तब से लेकर अब तक जिस भी पार्टी ने यह सीट जीत ली प्रदेश में भी सरकार उसी पार्टी ने बनाई है. चुनाव आयोग की जानकारी के अनुसार 1957 में  कांग्रेस के बिसंभर सिंह ने सीपीआई के प्रीतम सिंह को चुनावों में हराया था. 


बीजेपी प्रत्याशी ने किया अपनी जीत का दावा


इस सीट पर कांग्रेस ने अर्चना गौतम को और बसपा ने संजीव जाटव को उम्मीदवार बनाया है. सपा-आरएलडी गठबंधन से इस बार योगेश वर्मा चुनावी मैदान में है. बीजेपी के दिनेश खटीक से जब इस चुनावी संयोग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एएनआई से कहा, "जो कोई भी हस्तिनापुर जीतता है, यूपी में सरकार बनाता है. मेरे पास सभी का आशीर्वाद है और योगी आदित्यनाथ फिर से सरकार बनाएंगे. योगी जी और मोदी जी के नेतृत्व में, हमने सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया है, महिलाएं भी सशक्त हुई हैं."


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