UP Assembly Election 2022: अतीक अहमद से गायत्री प्रजापति तक, ये नेता हैं जेल में, पत्नी-बहन उतरीं चुनावी रण में
UP Election 2022: लोकतंत्र के इस महापर्व में इस बार कुछ ऐसी महिला प्रत्याशी भी हैं, जिनके भाई या पति जेल की सलाखों के पीछे हैं और वे उनकी राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने या चुनावी प्रचार के लिए चुनावी जंग में उतरी हैं.

UP Election: यूपी का सियासी रण शुरू हो गया है. पार्टियों ने लंबी जद्दोजहद के बाद समीकरण के तराजू पर हर चीज तोलकर चुनावी मैदान में सिपाही उतार दिए हैं. उत्तर प्रदेश की गलियों में इन दिनों अलग ही रंग देखने को मिल रहे हैं. लोकतंत्र के इस महापर्व में इस बार कुछ ऐसी महिला प्रत्याशी भी हैं, जिनके भाई या पति जेल की सलाखों के पीछे हैं और वे उनकी राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने या चुनावी प्रचार के लिए चुनावी जंग में उतरी हैं.
आरती तिवारी
आरती तिवारी अयोध्या की गोसाईंगंज से बीजेपी की प्रत्याशी हैं. वह लोगों से लगातार वोट मांग रही हैं. साल 2017 में गोसाईंगंज से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे इंद्रदेव तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी. पिछले साल उन्हें मार्कशीट में गड़बड़ी के मामले में दोषी पाया गया और कोर्ट ने उन्हें 5 साल कैद की सजा सुना दी. इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त हो गई. अब उनकी राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने का दारोमदार उनकी पत्नी आरती तिवारी पर आ गया है.
शाइस्ता परवीन
उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसने अतीक अहमद का नाम न सुना हो. अतीक अहमद का राजनीति से जितना ताल्लुक रहा, उतना ही जुर्म की दुनिया से भी. बाहुबली अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम सीट से 5 बार विधायक रहे हैं. वह 1989, 1991, 1993 में निर्दलीय, 1996 में सपा के टिकट पर जीते. 2002 में वह अपना दल के प्रत्याशी के तौर पर जीते. 2004 में सपा के टिकट पर फूलपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे. फिलहाल अतीक अहमद साबरमती जेल में कैद हैं. लिहाजा उनके दबदबे को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन मैदान में उतरी हैं. वह प्रयागराज पश्चिम सीट से एआईएमआईएम की प्रत्याशी हैं.
महाराजी प्रजापति
महाराजी प्रजापति समाजवादी पार्टी के राज में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी हैं. सपा राज में गायत्री प्रजापति का सिक्का चलता था. खनन घोटाले में नाम आने पर उन्हें कैबिनेट से निकाल दिया गया. लेकिन वह बाद में परिवहन मंत्री के तौर पर वापस लौट आए. वह दुष्कर्म मामले में जेल में कैद हैं. उनका राजनीतिक अस्तित्व बरकरार रखने के लिए उनकी पत्नी महाराजी प्रजापति अमेठी सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
इकरा हसन
कैराना विधानसभा सीट इन दिनों खूब चर्चा में है. सपा ने मौजूदा विधायक नाहिद हसन को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन नाहिद गैंगस्टर एक्ट में जेल में कैद हैं. सपा ने फिर टिकट दिया तो उनका पर्चा खारिज होने की आशंका के बीच उनकी बहन इकरा हसन ने निर्दलीय पर्चा भरा. भाई नाहिद का पर्चा वैध पाए जाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया लेकिन भाई के लिए वह लोगों से वोट की अपील कर रही हैं.
मुक्ता राजा
मुक्ता राजा संजीव राजा की पत्नी हैं. संजीव अलीगढ़ शहर सीट से विधायक हैं. पुलिसकर्मी से मारपीट के मामले में संजीव को दो साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद संजीव ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. लेकिन वह जेल में ही हैं. लेकिन अब बीजेपी ने मुक्ता राजा को प्रत्याशी बनाया है.
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