महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. सहयोगी होने के बावजूद दोनों पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ती. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार में सहयोगी होने पर भी उनकी पार्टी के पास कोई खास शक्तियां नहीं रहीं. लेकिन तमाम तकरार के बावजूद उन्होंने कभी सरकार गिराने की कोशिश नहीं की.

पार्टी प्रमुख ने कहा कि किसी गठबंधन में दोनों पार्टियों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है. उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि शिवसेना जनता से जुड़े मुद्दे उठाना जारी रखेगी. शिवसेना प्रमुख ने कहा कि अगर आने वाले चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन जीत जाता है तो दोनों मिल कर बेहतर प्रशासन और सुशासन देंगे.

नहीं की सरकार गिराने की कोशिश

फसल बीमा के मुद्दे पर पार्टी के विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह जनता से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं. उन्होंने कहा, ''जब सरकार अपनी उपलब्धियों का प्रचार करती है, तो जमीन पर किए गए काम दिखते हैं. मैं सरकार के समक्ष जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा.''

उद्धव ने कहा, ''क्या मैंने धोखा दिया या सरकार को गिराने के लिए षडयंत्र नहीं रचा. हम बिना किसी शक्ति के पिछले पांच साल से सरकार में हैं. हमारे बीच मतभेद थे और हमें जहां कहीं भी गलत लगा हमने अपनी आवाज उठाई.'' उन्होंने कहा कि गठबंधन जारी रखने के लिए बीजेपी और शिवसेना को सावधानी बरतने की जरूरत है. उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र के हित में बीजेपी के साथ गठबंधन किया है.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि आगे होने वाले विधानसभा चुनाव में शिवसेना को महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार रहना होगा. बता दें कि शिवसेना महाराष्ट्र में 124 सीटों पर चुनाव लड़ी रही है, जबकि बीजेपी ने 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होना है. विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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