दिल्ली विधानसभा चुनाव 2019: दिल्ली विधानसभा चुनाव में परिवारवाद को बढ़ाने में कांग्रेस पार्टी सबसे आगे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 ऐसे चेहरों को उम्मीदवार बनाया है जिनके परिवार के सदस्य पहले चुनाव जीत चुके हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने दो और बीजेपी ने एक ऐसे चेहरे पर दांव लगाया है. परिवारवाद की राजनीति से संबंध रखने वालों में सबसे बड़ा नाम दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा का है.
शिवानी चोपड़ा को कांग्रेस ने कालकाजी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. शिवानी चोपड़ा के पिता और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा 1998 से 2013 तक तीन बार कालकाजी सीट से विधायक रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह को भी कांग्रेस ने आर के नगर से अपना उम्मीदवार बनाया है.
मॉडल टाउन के पूर्व विधायक करण सिंह की बेटी अकांशा को कांग्रेस ने 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है. नांगलोई सीट से पूर्व विधायक बीरेंद्र सिंह के बेटे मनदीप को कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट बनाया है. अम्बेडकरनगर से पूर्व विधायक प्रेम सिंह के बेटे यदुराज और मुस्तफाबाद सीट से पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे अली को उम्मीदवार बनाया गया है.
आप के भी दो उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर की पत्नी प्रीति तोमर को त्रिनगर से अपना उम्मीदवार बनाया है. जीतेंद्र सिंह की पत्नी को फर्जी डिग्री के मामले में फैसला आने के बाद पार्टी ने अपना कैंडिडेट बनाया. आप ने दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को द्वारका से अपना उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी ने तिलकनगर से पूर्व विधायर ओपी की जगह पर उनके बेटे राजीव को टिकट दिया है. ओपी 1993, 2003 और 2008 में इस सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे, जबकि 2013 और 2015 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है, जबकि नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी.