Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान है. राज्य की कई ऐसी खास सीटें हैं जिन पर कई वीआईपी कैंडिडेट्स मैदान में हैं. लेकिन इन वीआईपी सीटों के बीच करणपुर विधानसभा क्षेत्र अचानक से सुर्खियों में आ गया है. चर्चा की वजह यहां के एक प्रत्याशी तीतर सिंह हैं. तीतर न तो भाजपा के उम्मीदवार हैं और न ही कांग्रेस के. वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के मजदूर तीतर सिंह 1980 के दशक के मध्य से कोई न कोई चुनाव लड़ रहे हैं. विभिन्न चुनावों में 30 से अधिक हार के बावजूद, 70 वर्ष के तीतर सिंह का हौसला नहीं टूटा है. वह बेखौफ होकर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

लोगों से चंदा लेकर लड़ते हैं चुनाव

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, तीतर के पास न कोई संपत्ति है और न ही कोई राजनीतिक दल उन्हें टिकट देता है. वह फिर भी हर बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरते हैं. तीतर सिंह कहते हैं कि “किसी भी सरकार ने उनकी और उनके परिवार की मदद नहीं की. मैंने पहली बार 1983 में चुनाव लड़ा था. किसी भी सरकार ने मुझे खेती के लिए जमीन नहीं दी, मैंने जीवन भर एक मजदूर के रूप में काम किया है और इसी से अपनी जिंदगी गुजार रहा हूं. मैं स्थानीय लोगों से मिले चंदे की मदद से चुनाव लड़ता हूं."

चुनाव लड़ने के लिए बकरियां तक बेचीं

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने का सपना देख रहे तीतर सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए कई बार अपनी बकरियां तक बेचीं हैं. उन्होंने बताया कि वह हर दल को आजमा चुके हैं. किसी भी पार्टी के नेता ने उनके क्षेत्र में कोई विकास नहीं किया. आगामी विधानसभा चुनाव में तीतर सिंह का मुकाबला भाजपा के सुरेंद्र पाल सिंह और कांग्रेस के गुरमीत सिंह कूनर से होगा.

ये भी पढ़ें

Rajasthan Election 2023: नामांकन रैली में शांति धारीवाल का BJP पर हमला, कहा- 'उनकी सरकार ने उद्योगों को बंद कराया'