राजस्थान: कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत टिकट बंटने से पहले अपने गृह नगर जोधपुर के दो दिन के दौरे पर हैं. इस दौरान वहां उन्होंने एक हैरान करने वाला बयान दिया है. गहलोत ने कार्यकर्ताओं को एकजुटता का मंत्र देते हुए कहा कि पार्टी में मेरे आलोचक को टिकट मिले, तो उसे भी जिताओ. उन्होंने ये भी कहा कि अब पद उनके लिए प्राथमिकता नहीं है.
अशोक गहलोत ने आज दूसरे दिन जोधपुर ज़िले के कार्यकर्ताओ को संबोधित किया. जोधपुर पंहुचे गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की वसुंधरा सरकार पर हमला बोला. साथ ही कार्यकर्ताओ को एक सूत्र में बांधने की कोशिश भी की. गहलोत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब पद उनके लिए प्राथमिकता नहीं रही. उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने मुझे सबकुछ दिया. 1980 में पहली बार चुनाव जीता, 10 साल सीएम रहा. मेरी कोशिश है कि कांग्रेस पार्टी का झंडा बुलंद रहे.”
आपको बता दें कि राजस्थान की सियासत में सचिन पायलट और अशोक गहलोत दो बड़े चेहरे हैं. गुटबाज़ी से बचने के लिए गहलोत ने कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा, “एक सीट पर एक ही टिकट होगा. बड़प्पन दिखाते हुए जिसे टिकट मिले उसके साथ लग जाएं. अगर पार्टी में मेरे आलोचक को भी टिकट मिले तो उसे भी जीत दिलानी है.”
गहलोत के दो दिन के दौरे को यूं तो दीवाली मिलन का नाम दिया गया था लेकिन इसका असल मक़सद टिकट बांटने से पहले कार्यकर्ताओं का मन टटोलना था. बता दें कि जोधपुर ज़िले में 10 विधानसभा सीटे हैं. तीन शहर और सात देहात की.
जोधपुर के कायलाना में लेक व्यू होटल में टिकट के दावेदार और उनके समर्थकों की ज़बरदस्त भीड़ उमड़ी. भाषण खत्म होने के बाद अशोक गहलोत होटल के गेट पर खड़े हो गए. गहलोत से मिलने वाले टिकट के दावेदार और उनके समर्थकों की लंबी कतार देखने को मिली. गहलोत सामने से गुज़र रहे कार्यकर्ताओं का अभिवादन कर रहे थे. जिस तरह से कार्यकर्ता उमड़े हैं, उससे राजस्थान की सियासत में गहलोत के कद का पता चलता है.
CM पद के लिए कार्यकर्ताओं की पहली पसंद बने गहलोत
राजस्थान में अगर कांग्रेस सत्ता पर काबिज़ होती है, तो सीएम की गद्दी किसे मिलेगी? ये सवाल ना सिर्फ बीजेपी कांग्रेस से ताने के रूप में पूछती है, बल्कि ज़मीन पर भी कार्यकर्ताओं के बीच ये सवाल बना हुआ है. अशोक गहलोत के भाषण के बाद एबीपी न्यूज़ ने वहां मौजूद कार्यकर्ताओ से बात की. सभी कार्यकर्ताओं ने एक सुर में अशोक गहलोत को सीएम बनाने की बात कही.
राजस्थान में सात दिसंबर को एक चरण में वोट डाले जाएंगे और नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. सूबे में विधानसभा की 200 सीटें हैं.