चंडीगढ़: पंजाब के लिए आज चुनाव प्रचार खत्म हो रहा है. पंजाब में कांटे की लड़ाई के बीच अकाली दल बीजेपी गठबंधन के लिए राहत की खबर आई है. बाबा गुरमीत राम रहीम की संस्था डेरा स्चा सौदा ने अकाली दल के समर्थन का ऐलान कर दिया है.


जानें- डेरा सच्चा सौदा का समर्थन चुनाव में क्या अहमियत रखता है


पंजाब में खासकर चुनाव के दौरान तकरीबन हर पार्टी के नेता डेरा सच्चा सौदा की चौखट पर सिर झुकाने आते हैं, इसकी वजह वोटरों पर डेरा की मजबूत पकड़ मानी जाती है. पहली बार अकाली दल के उम्मीदवार भी खुलकर वोट मांगने के लिए बाबा गुरमीत राम रहीम के दरबार में पहुंचे थे.


चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा में नेता हाजिरी क्यों लगाते हैं ?




  • डेरा सच्चा सौदा की ओर से करीब पांच करोड़ समर्थक होने का दावा किया जाता है.

  • पंजाब में 35 लाख डेरा समर्थक वोटर हैं.

  • पंजाब में ज्यादातर डेरा समर्थक मालवा क्षेत्र से आते हैं.

  • मालवा क्षेत्र में विधानसभा की कुल 117 में से 69 सीटें आती हैं.


डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को लेकर विवाद भी जुड़ा रहा है-


2007 में सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जैसी पोशाक धारन करने को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद पंजाब में तनाव का माहौल भी बना था और सिखों की संस्था अकाल तख्त ने बाबा राम रहीम का बहिष्कार भी कर दिया था.


पिछले साल इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब अकाल तख्त से माफी का फरमान जारी हो गया लेकिन विवाद एक बार फिर शुरू हो गया और माफी का फरमान वापस भी ले लिया गया.


2007 में डेरा ने किया था कांग्रेस का समर्थन


तमाम विवादों के बीच अकाली दल-बीजेपी गठबंधन को डेरा का समर्थन मिलने से वोट का तो फायदा गठबंधन को हो सकता है, लेकिन इसमें एक परेशानी भी है. परेशानी ये कि डेरा का साथ लेने से सिख समाज अकाली दल से नाराज भी हो सकता है. 2007 के चुनाव में डेरा सच्चा सौदा कांग्रेस के साथ खड़ी थी, लेकिन कांग्रेस को उस बार सत्ता नहीं मिल पाई थी.


पंजाब में शनिवार 4 फरवरी को एक ही चरण में चुनाव होगा. वहीं 11 मार्च को सभी पांचों राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे. पंजाब में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च 2012 को शुरू हुआ था. जबकि यह 18 मार्च 2017 को खत्म हो रहा है. पंजाब में विधानसभा की कुल 117 सीटों पर चुनाव होने हैं.