BJP-NPP Wrested Power From INC In 2018: मेघालय में 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. राज्य में कांग्रेस का पुराना रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. 2018 में हुए मेघालय विधानसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने कुल 28.8 प्रतिशत जीत के साथ 21 सीटें हासिल की थीं. इसके बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 20.8 फीसदी वोट मिले थे जिसे 19 सीटें मिली थीं. पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी कांग्रेस राज्य में सरकार नहीं बना पाई थी.
2018 विधानसभा चुनावों में एनपीपी गेम-चेंजर साबित हुई, इसने स्थानीय पार्टियों और बीजेपी के साथ गठबंधन किया और राज्य में सरकार बनाई, जिससे सत्तारूढ़ 'मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस' को जन्म दिया. आगामी चुनावों को लेकर एनपीपी ने घोषणा की है कि वह इस साल के चुनावों में अकेले उतरेगी. एनपीपी के अकेले चुनाव लड़ने और कांग्रेस और बीजेपी के अभियान के साथ मेघालय में होने वाले चुनावों में टक्कर का मामला बन गया है. आइए जानें मेघालय के उन निर्वाचन क्षेत्रों को जिन्हें बीजेपी, कांग्रेस और एनपीपी ने 2018 चुनावों में पलट दिया था.
इंडियन नेशनल कांग्रेसभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 2013 में 34.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ राज्य में सबसे अधिक 29 सीटें हासिल की थी. वहीं 2018 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस केवल 21 सीटें जीत सकीं.
भारतीय जनता पार्टी2013 में, मेघालय में बीजेपी के पास कोई सीट नहीं थी. वहीं 2018 में पार्टी ने दो विधानसभा सीटों पर कब्जा कर लिया और एनपीपी के साथ गठबंधन किया . जिससे राज्य में सत्ता हासिल करने में मदद मिली. 2018 में भाजपा ने जो सीटें हासिल की, उनमें 2013 में आईएनसी के पास पाईंथोरुमखरा और दक्षिण शिलांग विधानसभा सीट थी, जिस पर पहले एनसीपी का कब्जा था.
नेशनल पीपुल्स पार्टीएनपीपी ने 2018 में 20.8 प्रतिशत वोट शेयर का दावा किया, जिसके साथ पार्टी ने 19 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं 2013 में सोंगसाक और दादेंग्रे में दो सीटों पर जीत हासिल की थी. 2018 में दो में से पार्टी केवल एक सीट को ही बरकरार रख पाई. 2018 में एनपीपी ने कुल 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. जिनमें से 11 सीटें 2013 में कांग्रेस के बहुमत वाले निर्वाचन क्षेत्र थे.
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