Lok Sabha Elections 2024: देश में 1951 में पहले लोकसभा चुनाव के बाद से 7 दशक में राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की संख्या 14 से घटकर 6 रह गई है. पहला आम चुनाव कुल 53 राजनीतिक दलों ने लड़ा था. इनमें 14 राष्ट्रीय दल थे. अब देश में राजनीतिक दलों की कुल संख्या 2,500 से अधिक है. इन 7 दशकों में राजनीतिक दलों की यात्रा आपसी विलय और नए दलों के उदय के रोचक उतार-चढ़ाव से गुजरी है. कुछ दल अब अस्तित्व में ही नहीं रह गए हैं.

निर्वाचन आयोग की किताब ‘लीप ऑफ फेथ’ के अनुसार, 1953 तक देश में चार राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल ही रह गए थे, जिनमें कांग्रेस, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर पार्टी के विलय से बनी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और जनसंघ थे. दूसरे चुनाव (1957 में) राजनीतिक दलों की संख्या कम होकर 15 रह गई जबकि राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों की संख्या 4 रही. कांग्रेस ने 2014 तक देश में हुए 14 चुनावों में से 11 जीते.

1992 में सिर्फ 10 पार्टियों ने लड़ा था चुनाव 1951 के बाद अगले दो लोकसभा चुनाव में भाकपा प्रमुख विपक्षी दल रहा. हालांकि, 1964 में पार्टी सोवियत और चीनी कम्युनिस्ट विचार वाले धड़ों में बंट गई और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का गठन हुआ. इसके बाद देश के आम चुनावों में माकपा को भाकपा की तुलना में अधिक वोट मिलते रहे. निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक चुनाव लड़ने वाले सबसे कम दल 1992 के लोकसभा चुनाव में रहे, जिनकी संख्या 10 थी और इनमें सात राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल-भाजपा, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, जनता दल, जनता पार्टी और लोक दल थे.

1996 चुनाव में शामिल थीं 209 पार्टियां आयोग के अनुसार 1996 के आम चुनाव में 209 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था और इनमें 8 राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त थे. इनमें कांग्रेस (आईएनसी), ऑल इंडिया कांग्रेस (तिवारी), भाजपा, माकपा, भाकपा, जनता दल, जनता पार्टी और समता पार्टी थीं. 1998 के चुनाव में राजनीतिक दलों की संख्या 176 थी, जिनमें 7 राष्ट्रीय दल-कांग्रेस, भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनता दल, माकपा, भाकपा और समता पार्टी थे. 1999 में हुए आम चुनावों में 160 राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे और इनमें 7 राष्ट्रीय दल थे. इनमें भाजपा, कांग्रेस, बसपा, भाकपा, माकपा, जनता दल (सेक्युलर) और जनता दल (यूनाइटेड) हैं.

2019 में 674 दलों ने उतारे उम्मीदवार लोकसभा चुनाव 2014 में 464 राजनीतिक दलों ने किस्मत आजमाई जिनमें 6 राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल थे. इनमें भाजपा, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और बसपा शामिल रहे. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को 2016 में राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता मिल गई और इसने 2019 का लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे के साथ लड़ा. इस चुनाव में कुल 674 राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार उतारे और 7 राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल-भाजपा, कांग्रेस, बसपा, भाकपा, माकपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस भी इनमें शामिल रहे. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा और भाकपा ने राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल का दर्जा गंवा दिया.

कैसे बनते हैं राष्ट्रीय दल पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा, ‘‘प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रीय दल बनने के लिए किसी राजनीतिक दल को कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों की कुल लोकसभा सीट की कम से कम दो प्रतिशत पर जीत हासिल करनी होगी या चार लोकसभा सीट के अलावा चार राज्यों में कम से कम छह प्रतिशत वोट प्राप्त करने होंगे या चार राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता हासिल करनी होगी।’’ निर्वाचन आयोग ने पिछले साल आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था. देश में इस समय 6 राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल-भाजपा, कांग्रेस, बसपा, माकपा, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीए) और आप हैं. यह भी पढ़ेंः Chunavi kissa: मां की हत्या के दिन ही पीएम बने थे राजीव, उसी दिन बोले थे- मैं भी मारा जाऊंगा