Lok Sabha Elections 2024 4 Phase Voting: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हेलीकॉप्टर की तलाशी लेने के बाद विपक्ष चुनाव आयोग की आलोचना कर रहा है. अब इस मामले में बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने रविवार (12 मई 2024) को उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया कि खरगे के हेलीकॉप्टर की जांच करना विपक्ष को निशाना बनाने का उदाहरण था.


 उन्होंने कहा कि राज्य में इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रमुख जेपी नड्डा के हेलीकॉप्टरों की भी तलाशी ली गई थी.  इस प्रक्रिया से कई और बड़े नेताओं को भी गुजरना पड़ा है.


'एसओपी का किया गया पालन'


बिहार के सीईओ ने लिखा, "चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टरों की जांच बीसीएएस (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) की ओर से निर्धारित एसओपी का पालन करती है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टर की भी जांच यहां की गई थी. ऐसे में यह आरोप कि केवल एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता के हेलीकॉप्टर की जांच की गई, निराधार हैं.”


समस्तीपुर में हुई थी हेलीकॉप्टर की चेकिंग


बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को बिहार के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने कुछ चुनावी रैलियों को संबोधित किया. खरगे की पहली सार्वजनिक बैठक समस्तीपुर में थी. यहां चुनाव आयोग के अधिकारियों की ओर से उनके हेलीकॉप्टर की जांच की गई, जिससे उनकी पार्टी ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया.


राजेश राठौड़ ने लगाए ये आरोप


कांग्रेस प्रमुख के हेलीकॉप्टर की तलाशी के बाद बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के अधिकारी विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे थे, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के नेताओं को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति दी गई थी. राजेश राठौड़ ने आगे लिखा, "श्री राहुल गांधी जी के बाद अब बिहार के समस्तीपुर में सभा के दौरान चुनाव आयोग और पुलिसकर्मियों की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हेलीकॉप्टर की तलाशी लेना चुनाव आयोग के विपक्ष के प्रति दुर्भावनापूर्ण व्यवहार को दर्शाता है. यह लोकतंत्र की हत्या है."


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