Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्रीय लोक दल का एनडीए गठबंधन में शामिल होना तय हो चुका है. 10 दिन पहले पार्टी के अध्यक्ष जयंद चौधरी ने खुद इसकी पुष्टि की थी. इससे पहले भी उन्होंने बीजेपी के साथ जाने के कई संकेत दिए थे. हालांकि, अब तक बीजेपी की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. इधर अखिलेश यादव उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतार चुके हैं, जो उन्होंने आरएलडी को दी थीं. ऐसे में सवाल उठते हैं कि I.N.D.I.A गठबंधन से 10 दिन पहले निकलने वाले जयंत अब तक एनडीए नहीं पहुंचे हैं तो कहां फंसे हैं.

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन नेताओं का कहना है कि आरएलडी का एनडीए में शामिल होना तय है. किसान आंदोलन के रुकने तक बीजेपी इंतजार करना चाहती है. हालांकि, इस वजह से दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता दोहरी मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं और गठबंधन को इसका नुकसान हो सकता है.

चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के अनावरण का इंतजारउत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़े जानकारों के अनुसार चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के अनावरण के समय बीजेपी और आरएलडी के गठबंधन का एलान हो सकता है. यह मूर्ति बागपत के छपरौली में लगाई जाएगी. पहले इस मूर्ति के अनावरण की तारीख 12 फरवरी थी, लेकिन बाद में इसे आगे बढ़ा दिया गया.

किसान आंदोलन का कितना असर?आरएलडी और बीजेपी दोनों किसान आंदोलन के मुद्दे पर बैकफुट पर हैं. ऐसे में किसान और सरकार के बीच सुलह होने का इंतजार किया जा रहा है. आरअलडी को किसानों की पार्टी माना जाता है. किसान आंदोलन में इससे पहले जयंत चौधरी काफी सक्रिय थे. इस बार वह चुप हैं. पार्टी के स्थानीय नेताओं के अनुसार इसे लेकर आरएलडी नेताओं से सवाल किए जा रहे हैं. इसी वजह से यह गठबंधन पूरा होने के बावजूद आधिकारिक एलान नहीं किया जा रहा है. यह भी पढ़ेंः SP की लोकसभा चुनाव के लिए एक और लिस्ट जारी, बदायूं से शिवपाल यादव बने कैंडिडेट, धर्मेंद्र यादव की सीट को लेकर अटकलें तेज