Lok Sabha Election 2024: भारत में होने वाले आम चुनाव 2024 में एक साल से भी कम समय बचा है. विपक्षी इंडिया एलायंस और सत्तासीन एनडीए चुनावी जोड़तोड़ में लगे हुए हैं. वहीं इस बीच INDIA TODAY-CVOTER SURVEY ने देश का मूड जानने की कोशिश की है.


‘मूड ऑफ द नेशन सर्वे’ में कुछ हैरान करने वाले नतीजे सामने आए हैं. इस सर्वेक्षण में एनडीए सरकार की असफलता के बारे में लोगों से सवाल पूछा गया था. सी-वोटर लगातार एनडीए सरकार के कामकाज, पीएम मोदी की लोकप्रियता के आंकड़ों को सर्वे के जरिए ट्रैक करता रहता है. उसी के आधार पर अनुमानित नतीजे पेश करता है.


ये हैं एनडीए सरकार के कार्यकाल के प्रमुख मुद्दे


सर्वे में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान कौन से मुद्दे प्रमुख रहे. इस पर लोगों के जवाब इस तरह रहे. 24 परसेंट लोगों की नजर में महंगाई प्रमुख मुद्दा रहा. 24 फीसदी लोगों ने ही बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बताया. इसके अलावा 8 प्रतिशत लोगों ने गरीबी को प्रमुख मुद्दे के रूप में शामिल किया है. सर्वे में दो ही मुद्दे प्रमुखता से उभरकर सामने आए थे. इन दोनों मुद्दों को ही सर्वे में लोगों ने एनडीए सरकार की नाकामियों में प्रमुख माना है.


इन क्षेत्रों में रही एनडीए सरकार असफल


जिन क्षेत्रों में एनडीए सरकार को बड़ी नाकामी हाथ लगी है. उनमें प्रमुख रूप से महंगाई और बेरोजगारी शामिल हैं. इसमें भी महंगाई नंबर एक मुद्दा रहा. हालांकि विशेषज्ञों का मानना था कि महंगाई की कई वजह हैं. उनमें कोविड-19 और रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई प्रमुख हैं.


‘मूड ऑफ द नेशन सर्वे’ में 25 परसेंट लोगों ने माना है कि एनडीए सरकार महंगाई को नियंत्रित करने में नाकाम रही है. वहीं 17 फीसदी लोगों का मानना है कि एनडीए सरकार बेरोजगारी के मुद्दे पर बुरी तरह असफल रही. इसके अलावा 12 प्रतिशत लोगों ने जवाब दिया है कि एऩडीए सरकार आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर फेल रही.


NDA सरकार के प्रदर्शन पर एक नजर  


सी-वोटर एनडीए सरकार के कार्यकाल को अगस्त 2020 से लगातार ट्रैक कर रहा है. उनके आंकड़ों पर नजर डाले तो परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं. अब तक गुजरे इन तीन सालों में एनडीए के प्रदर्शन में कुछ खास गिरावट नहीं है. जहां अगस्त 2020 में 72 परसेंट लोग एनडीए सरकार के काम से संतुष्ट थे. अगस्त 2023 में 59 प्रतिशत लोग अभी भी संतुष्ट हैं. अगस्त 2020 में 9 फीसदी लोग एनडीए के काम से असंतुष्ट थे. वहीं अगस्त 2023 में असंतुष्टों का आंकड़ा बढ़कर 19 परसेंट हो गया है.  


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