लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां दुष्यंत चौटाला ने एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया और उनकी पार्टी अब सत्ताधारी बीजेपी का साथ छोड़ चुकी है. भारतीय जनता पार्टी निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर राज्य में फिर से सरकार बना चुकी है और राज्य के मुख्यमंत्री भी बदल चुके हैं. सियासी गलियारों में इसे राजनीतिक स्टंट माना जा रहा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि दुष्यंत की जेजेपी लोकसभा चुनाव के बाद फिर से एनडीए में शामिल हो जाएगी. इस घटनाक्रम के बीच दुष्यंत चौटाला के दादाजी देवीलाल चौटाला का एक किस्सा याद आता है. जब उन्होंने सीएम पद जाता देख राज्यपाल को थप्पड़ जड़ दिया था.


1982 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. 90 सीट वाले राज्य में कांग्रेस 36 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी. भारतीय राष्ट्रीय लोक दल को 31 और बीजेपी को 6 सीटें मिली थीं. ये दोनों पार्टियां गठबंधन में थीं. ऐसे में तत्कालीन राज्यपाल गणपतराव देवजी तपासे ने पहले भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के नेता देवीलाल को सरकार बनाने का न्योतै दिया. देवीलाल ने 47 विधायकों का समर्थन पत्र गवर्नर को दिया और उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया.


राज्यपाल ने बदला फैसला


कांग्रेस नेता भजनलाल राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे. वह इंदिरा गांधी से मिलने के राजभवन पहुंचे और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. उन्होंने अपने समर्थन में 52 विधायकों के नाम दिए. गवर्नर ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिला दी. इधर देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश ने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए हिमाचल के एक होटल में रोक दिया. उधर भजनलाल ने जिन विधायकों के समर्थन की बात कही थी. उसमें होटल में रुके हुए विधायक भी शामिल थे. ऐसे में देवीलाल जब राजभवन पहुंचे तो उन्हें 2 घंटे इंतजार करना पड़ा.


देवीलाल ने जड़ दिया थप्पड़


लंबे इंतजार के बाद जब राज्यपाल और देवीलाल की मुलाकात हुई तो दोनों के बीच विवाद होने लगा. बात इतनी बढ़ गई कि देवीलाल ने राज्यपाल को थप्पड़ जड़ दिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार लोकदल के विधायकों ने राज्यपाल से कहा था कि इंदिरा के गुलाम तुम क्या समझते हो कि तुम बच जाओगे. बात बिगड़ने के बाद राज्यपाल के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बचाया था. हालांकि, इस घटना को लेकर राज्यपाल या किसी अन्य नेता ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं की थी.

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