Hyderabad Lok Sabha Seat: हैदराबाद लोकसभा सीट से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का मुकाबला बीजेपी कैंडिडेट माधवी लता के बीच है. हालांकि अब यहां एक और उम्मीदवार ने सियासी मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है. सोमवार (22 अप्रैल) को ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी हैदराबाद लोकसभा सीट से पर्चा भरा है. अकबरुद्दीन चंद्रायनगुट्टा विधानसभा से मौजूदा विधायक हैं. 


सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब ओवैसी यहां से ताल ठोंक रहे हैं तो आखिरकार उनके भाई अकबरुद्दीन ने यहां से पर्चा क्यों भरा है? अभी तक अकबरुद्दीन अपने भाई असदुद्दीन के लिए प्रचार कर रहे थे, लेकिन ऐसी कौन सी बात हो गई कि सीधा हैदराबाद से पर्चा ही दाखिल कर दिया ? 


ये है वजह


दरअसल AIMIM पार्टी का प्लान कुछ और है. इसी वजह से पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी के अलावा इस सीट से अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी अपना नाम दाखिल किया है. ये पहली बार नहीं है, जब पार्टी ने बैकअब के तौर पर किसी अन्य को चुनावी मैदान में उतारा है. कहा जा रहा है कि किसी वजह से अगर असुदद्दीन का पर्चा खारिज किया जाता है तो पार्टी के पास बैकअप के रूप में अकबरुद्दीन का नाम रहेगा. 


विधानसभा चुनाव में भी ऐसा किया


इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान चंद्रायनगुट्टा विधानसभा सीट से अकबरुदद्दीन के अलावा उनके बेटे ने नूरउद्दीन ने भी पर्चा दाखिल किया था. हालांकि बाद में बेटे के द्वारा उम्मीदवारी वापस ले लिया गया था. इसी प्लान के तहत हैदराबाद सीट से असुदुद्दीन के बाद अब उनके भाई अकबरुद्दीन ने उम्मीदवारी दाखिल की है.     


पॉलिटिकल पार्टियां अपना चुकी हैं फॉर्मूला


चुनाव आयोग की जांच के बाद अगर मुख्य उम्मीदवार का पर्चा खारिज कर दिया जाता है या उसकी मौत हो जाती है तो ऐसे कंडीशन में बैकअब कैंडिडेट पार्टी के लिए फेस बन जाता है. पहले भी कई पॉलिटिकल पार्टियां ये फॉर्मूला अपना चुकी हैं. बाद में बैकअप कैंडिडेट के द्वारा नाम वापस ले लिया जाता है.