अमेठी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव ना लड़ने के बारे में पूछे जाने पर कहा ''मैं वाराणसी से चुनाव लड़ने के फैसले से पलटी नहीं हूं. मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और उत्तर प्रदेश में संगठन के अपने साथियों से सलाह-मशविरा किया. उनका स्पष्ट मत था कि मुझ पर पूर्वी उत्तर प्रदेश की 41 सीटों का जिम्मा है और मेरे सभी प्रत्याशी चाहते हैं कि मैं उनके क्षेत्र में जाऊं. मुझे लगा कि अगर मैं किसी एक सीट से चुनाव लड़ी तो उन्हें थोड़ी निराशा होगी.''
इस सवाल पर कि क्या इससे कोई गलत संदेश गया, प्रियंका ने कहा, ''मैंने वहीं किया जो पार्टी ने कहा. मैं उसके निर्देश को मानती हूं.'' इस प्रश्न पर कि क्या राहुल गांधी खुद को अमेठी में अपनी जीत का पक्का यकीन ना होने के कारण वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं, कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''वह जरा भी असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. वह वायनाड सीट से भी सिर्फ इसलिये चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि वहां के कार्यकर्ताओं ने इसकी मांग की थी. अमेठी में कांग्रेस के संगठन ने भी इसका समर्थन किया था.'' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर जनता से किये गये वादे पूरा ना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर राजनेता के दिल में यह डर होना चाहिये कि अगर वह कोई वादा करता है और उसे पूरा नहीं करता तो जनता उसे सबक सिखाएगी.
प्रियंका ने कहा, ''मैं भदोही के एक गांव में गयी, वहां के लोगों ने मुझसे माइक पर वादा करने को कहा कि मैं वहां पुल बनवाऊंगी. तब मुझे डर लगा क्योंकि मैं नहीं जानती कि सरकार के पास वह पुल बनवाने के लिये संसाधन हैं या नहीं. मैं नहीं जानती कि इतनी बड़ी नदी पर पुल बनना सम्भव है या नहीं. मैंने सोचा कि मैं यह वादा कैसा कर सकती हूं. मेरे दिल में यह जो डर है वह हर राजनेता के दिल में होना चाहिये.'' अमेठी के दौरे पर आयीं प्रियंका ने एक नुक्कड सभा में 'किसान सम्मान योजना' को किसान सम्मान योजना नहीं बल्कि 'किसान अपमान योजना' बताया.
कांग्रेस महासचिव ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा शुरू की गयी परियोजनाओं को बंद कर दिया. उन्होंने कहा, ''एनआईएफटी, आईआईआईटी, फूड पार्क, रेल कोच फैक्टरी, सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर...उसने सारा बंद करा दिया.'' प्रियंका ने कहा कि अगर नीयत ठीक थी, अमेठी की जनता की भलाई चाहते तो केन्द्र में सरकार थी और प्रदेश में भी सरकार थी लेकिन इनकी नीयत ठीक नहीं थी. राहुल के प्रोजेक्ट को बंद किया.
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