नई दिल्ली: नेताओं के भाषण चुनाव के दौरान सुर्खियों में बने ही रहते हैं. इस बार भी कई नेताओं के बयान को लेकर चर्चा है. कई नेताओं की बदजुबानी नहीं रुक रही तो वहीं कई नेता अपने भाषणों में हिन्दू- मुसलमान करने से भी बाज नहीं आ रहे. इन बयानों को लेकर चुनाव आयोग की सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है, नेताओं पर कार्रवाई भी हो रही है लेकिन उनकी बयानबाजी नहीं रुक रही.

ताजा विवाद कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू के एक बयान को लेकर है जिसमें वह मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी के लिए मतदान करने की अपील कर रहे हैं. सिद्धू ने ये बयान बिहार के कटिहार में दिया है. कटिहार लोकसभा की बलरामपुर विधानसभा में जनसभा को संबोधित करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि आप की ऐसी लोकसभा है जहां अल्पसंख्यक भी बहुसंख्यक है, इसलिए आप अगर एकजुटता दिखाएंगे तो तारिक अनवर को कोई नहीं हरा सकता है.

सिद्धू के बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है लेकिन उनके इस बयान के मायने क्या है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको कटिहार लोकसभा सीट के जातिय समीकरण को जानना और समझना होगा. साथ इस सीट के इतिहास पर भी एक नज़र डालने की जरूरत है. बता दें कि साल 1973 में पूर्णिया जिला से अलग होकर इसे जिले का दर्जा प्रदान किया गया.

इस सीट पर इस बार कौन-कौन है उम्मीदवार

इस बार इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार तारिक अनवर चुनावी मैदान में हैं. एनडीए की तरफ से जेडीयू के उम्मीदवार दलाल चंद गोस्वामी तारीक अनवर को टक्कर देंगे. वहीं एनसीपी ने मोहम्मद शकूर को इस सीट पर टिकट दिया है. बता दें कि इस सीट पर मुस्लिम यादव वोट 52 फीसदी है. इस आकड़े को देखकर आप सिद्धू के बयान का मतलब साफ लगा सकते हैं. अगर यह वोट तारिक अनवर को मिलता है तो उनकी जीत का दावेदारी बेहद मजबूत हो जाएगी.

क्या है इस सीट पर जातिय समीकरण

कटिहार लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16,53000 है. यहां के जातिय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर 41 फीसदी मुस्लिम, 11 फीसदी यादव, 8 फीसदी उच्च जाति, 16 फीसदी वैश्य, 18 फीसदी ओबीसी और 6 फीसदी दलित वोट है.

तेजस्वी, राहुल गांधी और नीतीश सब कर चुके हैं कटिहार में रैली

बिहार की कटिहार लोकसभा सीट से साल 2014 का लोकसभा चुनाव तारिक अनवर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी( एनसीपी) के टिकट पर जीता था. उन्होंने बीजेपी के निखिल चौधरी को 1 लाख 14 हजार 740 वोटों से पराजित किया था. इस बार भी इस सीट की एहमियत इस बात से समझी सकती है कि बिहार में महागठबंधन के सबसे बड़े नेता तेजस्वी यादव ने अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कटिहार से ही किया था. इतना ही नहीं बिहार की सियासत और जेडीयू के बड़े नेता आरसीपी सिंह ने भी यहीं से चुनावी प्रचार का आगाज किया. इन दोनों बड़े नेताओं के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश के अलावा सुशील मोदी, रामविलास पासवान- जैसे बड़े नेताओं ने कटिहार में रैली किया है. इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सीट की एहमियत क्या है.

इस सीट पर कब कौन जीता ?

साल 1957 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे कि कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने जीता था और उन्हें यहां के पहले सांसद होने का गौरव हासिल हुआ था. 1962 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की नेता प्रिया गुप्ता सांसद बनीं. 1967 में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम केसरी ने जीत दर्ज की. साल 1977 के चुनाव में यहां पर जनता पार्टी जीती तो वहीं 1980 में यहां से कांग्रेस के तारिख अनवर सांसद बने. वो लगातार दो बार इस सीट पर जीते लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल के नेता युवराज ने उनकी जीत की हैट्रिक को पूरा नहीं होने दिया. 1991 में भी यहां जनता दल का ही राज रहा और बिहार के गवर्नर रहे मोहम्मद यूनुस सलीम ने यहां से चुनाव जीता. लेकिन 1996 में यहां कांग्रेस की वापसी हुई और तारिक अनवर सांसद बने, साल 1998 में भी उनका ही जलवा यहां कायम रहा. 1999 में भारतीय जनता पार्टी के नेता निखिल चौधरी यहां से एमपी बने, उन्होंने साल 2004 और साल 2009 में भी यहां से जीत दर्ज की लेकिन साल 2014 के चुनाव में तारिख अनवर ने उन्हें यहां हरा दिया. ये हार बीजेपी के लिए बड़ा झटका थी क्योंकि निखिल चौधरी की हार मोदी लहर के दौरान हुई थी.

सिद्धू को मुस्लमानों को एकजुट होकर वोट करने का बयान क्यों दिया ?

अब सवाल है कि आखिर नवजोत सिंह सिद्धू ने मुस्लमानों को एकजुटता दिखाते हुए तारिक अनवर को वोट करने की अपील क्यों की. इसका सीधा सा जवाब यह है कि कटिहार लोकसभा सीट पर 41 फीसदी जो मुस्लमानों की आवादी है उसमें से आधे मुसलमान शेरशाह समाज के हैं और एनसीपी ने उम्मीदवार मोहम्मद शकूर इसी समाज से आते हैं. ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार तारिक अनवर की जीत की राह में सबसे बड़ी रुकावट अगर कोई हो सकता है तो वह मोहम्मद शकूर हैं.

यह भी देखें