Karnataka Assembly Election Results 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित किए गए, नतीजे के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा है कि बजरंग दल को प्रतिबंधित करने का वादा चुनावी घोषणापत्र में जानबूझकर शामिल किया गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस वादे का मकसद मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में लामबंद करना था?


कांग्रेस के घोषणापत्र समिति में शामिल नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मुद्दे को आखिरी मिनट पर घोषणापत्र में डाला गया, ताकि बीजेपी इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना सके.


बजरंग दल वाली बात जानबूझकर डाली गई


कांग्रेस पार्टी ने गत दो मई को जारी अपने घोषणापत्र में कहा था, ‘‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस विषय को लेकर चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा. कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के सदस्य रहे एक नेता का कहना है कि बजरंग दल वाली बात जानबूझकर डाली गई, जिसका बाद में चुनावी लाभ मिला. कर्नाटक में कुल आबादी का 13 प्रतिशत मुसलमान हैं.


कांग्रेस के नेता ने कही ये बात


कांग्रेस के एक नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने घोषणापत्र का दो सेट तैयार किया था. एक को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अप्रैल के पहले सप्ताह में दिया गया और दूसरे को पहले घोषणापत्र के एक सप्ताह बाद तैयार किया गया.’’


राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 66 सीट जीतकर दूसरे नंबर पर रही, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीट जीतीं.


ये भी पढ़ें- Operation Kavach: 1 किलो हेरोइन और 60 किलो गांजा जब्त, दिल्ली पुलिस ने चलाया ऑपरेशन कवच