Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक में कांग्रेस ने बीजेपी को बुरी तरह से पटखनी दी है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अगर कांग्रेस के विधायक छोड़कर बाकी सारे विधायक भी बीजेपी के साथ आ जाएं तब भी सरकार नहीं बनेगी. इतना ही नहीं पार्टी ने जिन दमदार मंत्रियों पर अपना दांव लगाया था उन्हें भी मुंह की खानी पड़ी. हालांकि, साल 2018 में भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं था लेकिन किसी तरह जोड़ तोड़कर सरकार बना ली गई थी. चलिए आपको बताते हैं कुछ अहम बातें, जिनकी वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. 

साल 2023 के चुनावों के नतीजों पर नजर डालने से पहले आपको बताते हैं पांच साल पहले यानी 2018 में बीजेपी ने कैसा प्रदर्शन किया था. पिछले विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हो सका था. तब बीजेपी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी. कांग्रेस वोट के मामले में दूसरे तो राज्य की इकलौती पार्टी जेडीएस तीसरे नंबर पर रही थी. 2018 में बीजेपी ने 223 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें 104 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. महज 9 सीटों ने बीजेपी का पूर्ण बहुमत की रफ्तार पर रोक लगा दी थी. पार्टी का वोट 36.22 फीसदी रहा था.

2018 से भी खराब स्थिति

साल 2018 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस साल हुए चुनावों की बात करें तो हालात और ज्यादा खराब हैं. इस बार पार्टी रुझानों के मुताबिक, 66 सीटों पर ही सिमट गई. बीजेपी को पूरी उम्मीद थी कि वह इस बार 38 सालों से चले आ रहे ट्रेंड को तोड़कर राज्य में फिर से सत्ता पर काबिज होगी. 

मौजूदा सरकार के 6 मंत्री पीछे

बीजेपी के हालात इस बार इतने बुरे रहे कि मौजूदा सरकार के 6 मंत्री भी पार्टी की लाज नहीं बचा सके. खेल और युवा सेवा मंत्री डॉ. केसी नारायण गौड़ा जेडीएस के उम्मीदवार एचटी मंजू के खिलाफ दूसरे दौर में 3,324 मतों से पीछे चल रहे हैं. पीडब्ल्यूडी मंत्री सीएस पाटिल भी पीछे चल रहे. कृषि मंत्री बीसी पाटिल भी हिरेकेरूर निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना कर रहे हैं. राजस्व मंत्री आर अशोक के खिलाफ कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने जीत हासिल की. वहीं, आवास मंत्री वी सोमन्ना के खिलाफ वरुणा सीट पर विपक्ष के नेता सिद्धारमैया बढ़त बनाए हुए हैं. 

पूरी ताकत झोंकने के बाद भी देखा हार का मुंह

चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने तमाम केंद्रीय मंत्रियों की मदद से भी जनता को लुभाने की कोशिश की थी. यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जनसभाएं और छह रोड शो किए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई भाजपा शासित राज्यों के सीएम ने पार्टी की जीत के लिए कई सभाएं और रैलियां की थी. मंत्रियों ने दावा किया था कि बीजेपी पूर्ण बहुमत या एक तिहाई सीटों के साथ चुनाव जीतेगी लेकिन अब बीजेपी चाहकर भी सरकार नहीं बना सकती है. पार्टी को अगर जेडीएस और निर्दलीय विधायकों का साथ भी मिलता है तो भी वह सत्ता पर काबिज नहीं हो सकेगी. 

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