नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को समर्थन देने का ऐलान किया है. साथ ही पार्टी ने कहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कांग्रेस का वोट काटकर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को मदद पहुंचाने के आरोपों पर कहा, ''यह निराधार बात है. हमारी पार्टी गुजरात, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव नहीं लड़ी थी. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र में भी नहीं लड़ी थी. इन जगहों पर कांग्रेस की क्या स्थिति रही थी.'' असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''हम कर्नाटक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. एआईएमआईएम जेडीएस का साथ देगी और उसके लिए चुनाव प्रचार करेगी. हम समझते हैं कि दोनों राष्ट्रीय पार्टी (कांग्रेस और बीजेपी) पूरी तरह फेल है.'' ध्यान रहे की असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की देश के कई हिस्सों में मुस्लिम आबादी के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है. हालांकि कर्नाटक में कोई खास पकड़ नहीं रही है. कर्नाटक में मुस्लिम की संख्या कुल आबादी के 16 प्रतिशत है. राज्य की कुल 224 विधानसभा सीटों में से करीब 60 पर इनका खासा प्रभाव माना जाता है. कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाय तो यहां के मुस्लिम वोट कांग्रेस को समर्थन देते रहे हैं. कर्नाटक विधानसभा के लिए 12 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 15 मई को होगी. राज्य में मुख्य तौर पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला माना जा रहा है. हालांकि सर्वे पर नजर डालें तो किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 78 से 86 सीट मिलने की संभावना है. वहीं कांग्रेस को 90 से 101 सीट मिल सकती हैं. स्थानीय पार्टी जेडीएस को 34 से 43 सीट मिलने की संभावना है. वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 37%, बीजेपी को 35%, जेडीएस को 19% और अन्य को 9 % वोट मिल सकते हैं. राज्य में फिलहाल कांग्रेस सत्ता में और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 122, बीजेपी के 43, जेडीएस के 34, बीएसआरसी के तीन, केजेपी के 2, केएमपी के एक और 8 निर्दलीय विधायक हैं.