Karnataka Elections: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों का प्रचार अभियान जोरशोर से जारी है. इस बीच सभी दलों ने राज्य में तमाम समीकरणों को साधने की कोशिश शुरू कर दी है. बीजेपी वापस से सत्ता में आने की कोशिश में है, तो वहीं कांग्रेस सत्ता में काबिज होने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि जेडीएस एक बार फिर किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है. हालांकि, कर्नाटक के इन 6 इलाकों का फैक्टर काफी महत्वपूर्ण है, जो चुनाव में निर्णायक साबित हो सकता है. आइये जानते हैं कि राज्य के वो कौन से 6 इलाके हैं, जो राज्य के चुनाव के लिए काफी अहम होंगे.

1. कित्तूर कर्नाटक

इस इलाके की 50 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर है. यहां पर वीरशैव-लिंगायत समुदाय निर्णायक हैं. बीजेपी और कांग्रेस इन समुदायों को अपनी तरफ खींचने के लिए कड़ी मशक्कत में जुटी है.

2. कल्याण कर्नाटक

इस इलाके की 40 सीटों पर एससी और एसटी समुदायों की अच्छी तादाद है. इन समूहों से संबंधित आरक्षण के कर्नाटक सरकार के हालिया फैसले का असर यहां पर दिख सकता है.

3. तटीय कर्नाटक

इस इलाके में 19 सीटें हैं. तटीय कर्नाटक को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण ही चलता है. इस बार हिजाब विवाद, पीएफआई प्रतिबंध और मुसलमान आरक्षण को हटाना प्रमुख मुद्दे हैं.

4. मध्य कर्नाटक

इस इलाके में 20 सीटें है. मध्य कर्नाटक में कई तरह के मुद्दे हैं, जिनका सीधा असर राज्य के विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है. खासकर शिवमोग्गा और चिक्कमगलूर जिलों में हिंदुत्व का मुद्दा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

5. पुराना मैसूर

यह वोक्कालिगा समुदाय की बहुतायत का इलाका है और यहां परंपरागत तरीके से कांग्रेस और जेडीएस में कांटे की टक्कर होती आई है. इसी कड़ी में बीजेपी भी यहां अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. इस इलाके की 67 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की प्रबल संभावना है. यह सबसे अहम क्षेत्र है.

6. बेंगलुरु शहरी

सबसे सघन आबादी वाले इस जिले में सबसे ज्यादा सीटें (28) हैं. यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं यहां पर निर्णायक मुद्दे होंगे.

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