CN Ashwathnarayan: कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है. राज्य की सत्ता में दोबारा वापसी करने के लिए बीजेपी हर संभव प्रयास कर रही है. बीते दिनों पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की दो सूची भी जारी कर दी है.

इसी बीच कर्नाटक में बीजेपी सरकार में उच्च शिक्षा और कौशल विकास के मौजूदा मंत्री डॉ. सीएन अश्वथनारायण ने चुनाव से पहले कई बातों को स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी आने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ आएगी. साथ ही जेडीएस और कांग्रेस को उन क्षेत्रों में हराने को लेकर पार्टी आश्वस्त है, जहां हाल के चुनावों में उन्हें बढ़त मिली है.

मंगलवार (11 अप्रैल) को जारी सूची में पार्टी ने उन्हें बेंगलुरु शहरी जिले के मल्लेश्वरम से दोबारा मैदान में उतारा है. आइए जानते हैं कि चुनाव को लेकर अश्वथनारायण ने क्या कहा है.

आने वाले चुनावों के लिए पार्टी का आउटलुक कैसा है? क्या बीजेपी सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि आने वाले चुनाव में संभावनाएं पार्टी के लिए बेहद अच्छी नजर आ रही हैं. कोई एंटी-इनकंबेंसी नहीं है और हम प्रो-इनकंबेंसी अधिक देख रहे हैं. अब तक किसी भी चुनाव में (विशेष रूप से 2008 और 2018 में) हमें पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. लेकिन, इस चुनाव में हमें पूरा भरोसा है कि हमें पूर्ण बहुमत मिलने वाला है.

बेंगलुरु में बीजेपी समय के साथ कम सीटें जीतती रही है? (2008 में 17, 2013 में 12 और 2018 में 11)

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि हम अन्य दलों की तुलना में अधिक सीटें जीतने जा रहे हैं. भले ही हमने 2018 में बेंगलुरु में 11 सीटें जीतीं हैं. लेकिन, हमने 2019 के उपचुनावों में चार और सीटें जोड़ीं. इस बार हम बेंगलुरु में 18-20 सीटें जीतने के लिए आश्वस्त हैं.

उम्मीदवारों की सूची में देरी को लेकर बीजेपी को सवालों का सामना करना पड़ा, देरी का कारण क्या था?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि अगर पिछले सभी चुनावों को देखें तो चुनाव की सूचना मिलते ही हमारा काम शुरू हो जाता है. इसलिए देरी का सवाल ही नहीं था. अब भी प्रत्याशियों की तरफ से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. आमतौर पर नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद हम अपनी सूची की घोषणा करते हैं. मुझे लगता है कि यह कोई नई बात नहीं है, यह बीजेपी की परंपरा है. समय के साथ हम सभी चुनावों के लिए यही करते रहे हैं.

कांग्रेस और जेडीएस ने बहुत पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी, अन्य दलों के प्रत्याशियों ने घर-घर प्रचार शुरू कर दिया है, क्या यह आपको महंगा पड़ेगा?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि बीजेपी एक परिवार की राजनीतिक पार्टी नहीं है, यह सभी लोगों की पार्टी है. यह लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए लोग बीजेपी से जुड़े हुए हैं. दूसरे दलों के विपरीत पार्टी को उम्मीदवारों की अग्रिम घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है. सिर्फ पार्टी का सिंबल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियां और नेतृत्व ही काफी है. लोग उनके नेतृत्व के आधार पर वोट देते हैं.

कर्नाटक के अन्य हिस्सों की तुलना में बीजेपी ने पुराने मैसूरु में संघर्ष किया है, वोक्कालिगा समुदाय का वर्चस्व है, जिसका आप प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने ज्यादातर जेडीएस या कांग्रेस का समर्थन किया है, क्या हम 2023 में बदलाव देखेंगे?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि हम राज्य के इस हिस्से में ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं. पार्टी को ओल्ड मैसूरु में पर्याप्त लाभ होगा. हम एकमात्र पार्टी हैं जो किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं. हम नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार और मैसूरु साम्राज्य के शासकों के समान प्रशासन प्रदान कर सकते हैं. हम पुराने मैसूरु के लोगों के लिए इस तरह के शासन को दोहराना चाहते हैं.

ओल्ड मैसूरु में बीजेपी नेताओं पर जेडीएस के साथ सांठगांठ के आरोप लगे हैं, क्या ये सच है?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि हमारा किसी से कोई समझौता नहीं है. हम विस्तार करना चाहते हैं. हमारी अपनी उपस्थिति और पार्टी के शीर्ष रैंक से लेकर नीचे तक हमारे अपने प्रतिनिधि हैं, जिनके लिए निर्देश बहुत स्पष्ट हैं. जेडीएस या कांग्रेस के साथ किसी भी सांठगांठ या समझौते का कोई सवाल ही नहीं है. हमारा आमना-सामना पहले जेडीएस के साथ होगा और कांग्रेस के बाद ओल्ड मैसूरु में होगा.

इस चुनाव में बीजेपी के लिए वोक्कालिगा चेहरा कौन है, यह देखते हुए कि बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य बी एस येदियुरप्पा और सीएम बसवराज बोम्मई इसके लिंगायत चेहरे हैं?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि पार्टी में हम जाति के आधार पर काम नहीं करते हैं. बीजेपी बहुत समावेशी और न्यायसंगत है और हमें समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करना है. हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सुशासन है और हम देखते हैं कि कैसे प्रदान किया जा सकता है.

चुनाव से पहले बीजेपी में गुटबाजी और अंदरूनी कलह भी रही है, क्या इससे नतीजे पर असर पड़ेगा?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि इस तरह के समूह और गुटबाजी करने वाली बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस है. हमारा संगठन बहुत मजबूत है और नियमित रूप से पूरे सिस्टम की निगरानी करता है. किसी खेमे या एक गुट के दूसरे के खिलाफ काम करने का सवाल ही नहीं उठता.

आप चुनावी प्रचार के लिए डेटा एनालिटिक फर्मों के उपयोग के बारे में क्या सोचते हैं?

इस सवाल के जवाब में अश्वथनारायण ने कहा कि मुद्दों के बारे में सूचित निर्णय या रणनीति बनाने और लोग उन पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहे हैं, इसके लिए इनपुट होना बहुत महत्वपूर्ण है. यह लोगों की प्राथमिकताओं की पहचान करने में मदद करता है. इस प्रकार के इनपुट हमें सही निर्णय लेने के लिए बहुत सारी जानकारी देते हैं. साथ ही, केवल डेटा संग्रह विधियों में सुधार हुआ है और वे अधिक सटीक हैं. पहले डेटा संग्रह में अधिक समय लगता था.

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