Karnataka Elections: कर्नाटक की सत्ता में आने के बाद संगठन पर बैन लगाने के चुनावी वादे को लेकर बजरंग दल ने मंगलवार (2 मई) को कांग्रेस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली और कर्नाटक के मंगलुरु में कांग्रेस मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन करने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पार्टी से अपना वादा वापस लेने की मांग की. इसके अलावा, कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र की प्रतियां जलाईं और पार्टी नेता राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी भी की.
क्या था कांग्रेस के मेनिफेस्टो का वादा?कांग्रेस ने मंगलवार को जारी घोषणापत्र में कहा था कि अगर उन्हें सत्ता पर काबिज होने का अवसर मिला तो वे बजरंग दल और पीएफआई जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा देंगे. उन्होंने वादा किया था कि हमारी पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं. बजरंग दल और पीएफआई जैसे व्यक्तियों और संगठनों के जरिये बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देने वाले अन्य लोगों की तरफ से इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है. हम ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे.
बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलनदरअसल, बजरंग दल आरएसएस से संबद्ध विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की युवा शाखा है. दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने वाले वीएचपी नेताओं कहा कि बजरंग दल 'देश का गौरव' है और अगर कांग्रेस ने वादा वापस लेकर अपने कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र को नहीं बदला, तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा.
दिल्ली वीएचपी के सचिव सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस को या तो अपनी 'मानसिकता' बदलनी चाहिए या स्वीकार करना चाहिए कि वह 'हिंदू विरोधी' है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए और पार्टी के चुनावी वादे को वापस लेना चाहिए. अन्यथा हम देश भर में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे. विश्व हिंदू परिषद ने कर्नाटक में सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के वादे पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा करके पार्टी ने एक 'राष्ट्रवादी' संगठन की मानहानि की है.
पीएफआई से बजरंग दल की तुलना दुर्भाग्यपूर्णवीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बजरंग दल कांग्रेस के चुनावी वादे को चुनौती के रूप में लेगा और पार्टी को 'लोकतांत्रिक तरीके' से जवाब देगा. उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी करते हुए कांग्रेस ने जिस तरह से राष्ट्रवादी संगठन बजरंग दल की तुलना कुख्यात देशद्रोही, आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से की है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. जैन ने कहा कि बजरंग दल का प्रत्येक सदस्य देश और समाज की सेवा के लिए 'समर्पित' है, जबकि पूरी दुनिया पीएफआई की गतिविधियों से अवगत है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए जैन ने कहा कि आप देश की जनता को धोखा नहीं दे सकते. जिस तरह से आपने बजरंग दल को बदनाम करने का प्रयास किया है, देश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी. बजरंग दल का हर कार्यकर्ता इसे चुनौती के रूप में लेगा. उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी वादों के साथ उनकी पार्टी का 'छिपा हुआ एजेंडा' खुलकर सामने आ गया है. बजरंग दल और देश के लोग इस चुनौती को स्वीकार करते हैं और 'सभी लोकतांत्रिक तरीकों से जवाब दिया जाएगा'.
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