Himachal Pradesh BJP Sankalp Patra: बीजेपी (BJP) ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) के लिए रविवार को संकल्प पत्र जारी कर दिया है. संकल्प पत्र में बीजेपी की तरफ से कई घोषणाएं की गई हैं. उनमें से एक ओल्ड पेंशन स्कीम भी है. ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर राज्य सरकार ने चीफ सेक्रेटरी की अगुआई में समिति गठित की है, जो सभी पहलुओं का अध्यन कर रही है. अध्यन के बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इसी के आधार पर बीजेपी की सरकार आने के बाद फैसला लिया जाएगा.
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से सवाल पूछा गया था, लेकिन इसका जवाब मंगल पांडेय ने दिया, जो इस समय हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी का दायित्व निभा रहे हैं. इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संकल्प पत्र जारी किया और कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए 11 कमिटमेंट हमारी पार्टी के हैं.
2004 में बंद हुई थी ओल्ड पेंशन स्कीमआपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग लगातार की जा रही है. राज्य में करीब 4.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं और रिटायर्ड कर्मचारी भी बड़ी संख्या में हैं. पुरानी पेंशन योजना, जिसके तहत सरकार की तरफ से पूरी पेंशन राशि दी जाती थी, एक अप्रैल 2004 से देश में बंद कर दी गई थी. नई योजना के अनुसार कर्मचारी अपने वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन में योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है.
ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को मिलता था अंतिम सैलरी का 50 फीसदीओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारी को अंतिम सैलरी का 50 फीसदी मिलता था और सरकार उन्हें पूरी राशि देती थी. अब न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में कर्मचारी को सैलरी और डीए का कम से कम 10 फीसदी पेंशन फंड में देना होता है. सरकार इन फंड में 14 फीसदी का योगदान देती है. बाद में इन फंड्स को सिक्योरिटी, स्टॉक में निवेश किया जाता है और मूल्यांकन के आधार पर पेंशन तय होती है. विरोध इसलिए है कि सरकारी कर्मचारी ओपीएस को सुनिश्चित लाभ मानते हैं, जबकि एनपीएस के तार बाजार से जुड़े हुए हैं. एनपीएस 1 अप्रैल 2004 को लागू हुई थी.